Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Apr, 2018 09:11 PM
भाजपा की नजर उन 90 सीटों पर है जहां वह 2014 के लोकसभा चुनावों में हार गई थी ताकि 2019 के चुनावों में एक बार फिर उसे स्पष्ट बहुमत मिल सके। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को कहा कि भाजपा एकजुट विपक्ष के खिलाफ लड़ाई लड़ सकती है वहीं कई विशेषज्ञों...
नई दिल्ली : भाजपा की नजर उन 90 सीटों पर है जहां वह 2014 के लोकसभा चुनावों में हार गई थी ताकि 2019 के चुनावों में एक बार फिर उसे स्पष्ट बहुमत मिल सके। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को कहा कि भाजपा एकजुट विपक्ष के खिलाफ लड़ाई लड़ सकती है वहीं कई विशेषज्ञों का मानना है कि पार्टी को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तरप्रदेश में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है जहां 2014 के चुनावों में उसने शानदार प्रदर्शन किए थे।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि भाजपा को 2014 में जिन सीटों पर हार मिली थी उसकी नजर अब उन सीटों पर है और उसे विश्वास है कि इन 90 सीटों पर वह परिणाम बदलेगी। उन्होंने दावा किया ,‘ वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद से हम इस पर काम कर रहे हैं (इन सीटों पर जीत हासिल करने में)। पिछले वर्ष जिन सीटों पर हमने जीत दर्ज की थी उनमें से कुछ पर हम हार सकते हैं लेकिन इन सीटों पर हमारी जीत हमें बहुमत के आंकड़े के पार ले जाएगी।’
पश्चिम बंगाल में भाजपा की संभावनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनावों में वहां 22 सीटों पर पार्टी जीत हासिल कर सकती है। पिछले चुनावों में पार्टी को 42 में से केवल दो सीटों पर जीत मिली थी। भगवा पार्टी ओडिशा में भी अच्छा कर सकती है जहां उसने केवल एक सीट पर जीत दर्ज की थी। भाजपा ने अगले चुनावों के लिए पश्चिम बंगाल , ओडिशा , आंध्रप्रदेश , केरल और तेलंगाना सहित कई राज्यों की पहचान की है जहां इसकी सीटें बढ़ सकती हैं।
इसने केंद्रीय मंत्रियों सहित वरिष्ठ नेताओं को पांच राज्यों के समूह का प्रभारी बनाया है जहां संगठन को मजबूत किया जा सकता है। इन राज्यों में पार्टी का पिछले चुनावों में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। पार्टी ने राजस्थान , गुजरात में सभी सीटों पर जीत हासिल की थी और उत्तरप्रदेश , मध्यप्रदेश , बिहार , छत्तीसगढ़ तथा हरियाणा जैसे राज्यों में शानदार प्रदर्शन किए थे जिसकी बदौलत पहली बार लोकसभा में पार्टी ने बहुमत हासिल किया था।