Edited By vasudha,Updated: 13 Apr, 2020 09:57 AM
कोरोनो वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 25 मार्च से प्रभावी 21 दिनों के लॉकडाउन की समय-सीमा 14 अप्रैल को समाप्त होने जा रही है। इस लॉकडाउन ने देश की रफ्तार तो थम गई लेकिन कोरोना की रफ्तार तो थमने...
नेशनल डेस्क: कोरोनो वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 25 मार्च से प्रभावी 21 दिनों के लॉकडाउन की समय-सीमा 14 अप्रैल को समाप्त होने जा रही है। इस लॉकडाउन ने देश की रफ्तार तो थम गई लेकिन कोरोना की रफ्तार तो थमने की जगह बढ़ती जा रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि यदि लॉकडाउन खोल दिया जाता है तो इसके परिणाम क्या निकलेंगे? इन्ही हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार इसे आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है।
खबरों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही लॉकडाउन को बढ़ाने का ऐलान कर सकते हैं। इसका संकेत खुद पीएम मोदी देश को संबोधित करने के दौरान दे चुके हैं। उन्होंने ‘जान है तो जहान है’ पर बल देते हुए कहा था कि हर नागरिक की जान बचाने के लिए लॉकडाउन व सामाजिक दूरी बहुत जरूरी है। देश के अधिकतर लोगों ने इसे समझा और अपनी जिम्मेदारी निभाई। अब भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए, समृद्ध व स्वस्थ भारत के लिए जान भी और जहान भी, दोनों पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है। । तब से ये बातें भी सामने आ रही हैं कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने के बाद कई ऐसे काम शुरू होंगे, जिनसे आर्थिक विकास दर बढ़े।
वहीं लॉकडाउन के फैसले से पहले केंद्रीय मंत्री और कुछ वरिष्ठ अधिकारी अपना कामकाज फिर से दफ्तर से ही शुरू करने जा रहे हैं।। दरअसल ठप पड़े देश को फिर से पटरी पर लाने के उद्देश्य से सरकार ने फैसला किया है कि सभी केंद्रीय मंत्री अपने कार्यालयों में आकर काम करेंगे और उनके साथ-साथ मंत्रालयों और विभागों के उच्च अधिकारी भी कार्यालयों में आएंगे। पीएमओ सूत्रों का कहना है कि जिम्मेदारियां तो सभी केंद्रीय मंत्रियों को 26 मार्च को ही मिल गईं थी लेकिन काम में तेजी बीते छह अप्रैल से दिख रही है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए खुद उनकी भूमिका समझाई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने सहयोगी मंत्रियों को कोविड-19 के हॉटस्पाट वाले जिलों के अफसरों से संवाद बढ़ाने पर जोर दिया था। मंत्रियों से कहा था कि वे न केवल अफसरों से बातकर उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दें बल्कि कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई की जमीनी स्थिति को भी जानें। प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों से कहा है कि उनकी जिम्मेदारी वाले प्रदेशों और जिलों में राशन, फल, दूध सब वाजिब कीमत पर जनता को उपलब्ध होना चाहिए।