चीनी फौज के साथ हुई झड़प में अदम्य शौर्य दिखाने वाले आईटीबीपी के 21 जवानों को मिला बहादुरी पदक

Edited By Yaspal,Updated: 14 Aug, 2020 07:20 PM

21 itbp jawans who showed indomitable gallantry in brawl

लद्दाख में हाल ही में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में बहादुरी दिखाने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 294 जवानों को महानिदेशक (डीजी) प्रशस्ति से सम्मानित किया गया है। आईटीबीपी ने शुक्रवार को बताया कि इस इलाके में तैनात 21 जवानों को वीरता...

नई दिल्लीः लद्दाख में हाल ही में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में बहादुरी दिखाने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 294 जवानों को महानिदेशक (डीजी) प्रशस्ति से सम्मानित किया गया है। आईटीबीपी ने शुक्रवार को बताया कि इस इलाके में तैनात 21 जवानों को वीरता पदक देने की अनुशंसा सरकार से की गई है। आईटीबीपी ने दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध के बारे में पहली बार आधिकारिक तौर पर जानकारी देते हुए बताया कि ‘‘किस तरह जवानों ने न केवल प्रभावी तरीके से अपनी रक्षा की बल्कि आगे बढ़ रहे पीएलए (चीन की जनमुक्ति सेना) के जवानों को करारा जवाब दिया और स्थिति को नियंत्रित किया।''
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आईटीबीपी ने कहा, ‘‘आईटीबीपी ने इस वर्ष मई-जून में गतिरोध और झड़प के दौरान चीनी सैनिकों का सामना करने वाले 21 जवानों के नामों की अनुशंसा वीरता पदक के लिए की है।'' बल ने कहा, ‘‘साथ ही स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 294 जवानों को महानिदेशक प्रशस्ति से सम्मानित किया गया है।'' इसने कहा कि आईटीबीपी के जवानों ने उच्चस्तरीय पेशेवर कौशल दिखाया और ‘‘करारा जवाब दिया तथा भारतीय सेना के जख्मी जवानों को वापस लेकर लौटे।''
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पूर्वी लद्दाख में 15-16 जून की दरम्यानी रात को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन ने भी स्वीकार किया कि उसके सैनिक हताहत हुए हैं, लेकिन उसने कभी मारे गए या घायल हुए सैनिकों की संख्या नहीं बताई। आईटीबीपी ने कहा कि इसके जवान इलाके में ‘‘पूरी रात लड़े'' और उन्हें कम से कम क्षति हुई जबकि पीएलए के पथराव कर रहे जवानों को करारा जवाब दिया। इसने कहा, ‘‘कई स्थानों पर वे (आईटीबीपी) चीनी सैनिकों के खिलाफ 17 से 20 घंटे तक लगातार डटे रहे।''
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अधिकारी ने कहा, ‘‘ऊंचे स्थानों पर प्रशिक्षण और हिमालय में अनुभव के कारण आईटीबीपी के जवान पीएलए के जवानों पर भारी पड़े और आईटीबीपी के करारा जवाब के कारण अति संवेदनशील क्षेत्रों में लगभग सभी मोर्चे सुरक्षित हैं।'' बल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान में साहस का परिचय देने के लिए छह अन्य कर्मियों को महानिदेशक प्रशस्ति से सम्मानित किया गया है। कोरोना वायरस से खिलाफ लड़ाई में सेवाओं के लिए आईटीबीपी एवं अन्य अर्द्धसैनिक बलों के 358 जवानों को गृह मंत्री के विशेष अभियान पदक से सम्मानित करने की भी अनुशंसा की गई है।

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