Edited By vasudha,Updated: 07 Oct, 2020 02:36 PM
कहते हैं कि मां के दूध में बहुत ताकत होती है। उसमें वे सभी पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। साथ ही स्वस्थ जीवन जीने के लिए सभी जरूरी आहार के गुण भी इसमें शामिल होते हैं। इतना ही ही नहीं यह महामारी कोरोना...
नेशनल डेस्क: कहते हैं कि मां के दूध में बहुत ताकत होती है। उसमें वे सभी पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। साथ ही स्वस्थ जीवन जीने के लिए सभी जरूरी आहार के गुण भी इसमें शामिल होते हैं। इतना ही ही नहीं यह महामारी कोरोना से लड़ने के लिए भी सबसे फायदेमंद है। इसका एक उदाहरण देखने को मिला गुजरात के सूरत में।
खबरों के मुताबिक सूरत के दो सरकारी अस्पताल में 241 कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी हुई। इन 241 बच्चों में से केवल 13 ही महामारी की चपेट में आए बाकि सभी सुरक्षित हैं। अस्पताल की ओर से बताया गया कि सभी नवजातों का कोरोना टेस्ट किया गया था, लेकिन कोरोना के कोई भी लक्षण उनमें नहीं मिले और न ही अब तक इन बच्चों को कोई समस्या हुई है।
डॉक्टरों ने बताया कि नवजात बच्चे कोरोना पॉजिटिव मां ही दूध पी रहे हैं लेकिन किसी को भी कोई समस्या नहीं आई है। डॉक्टरों का कहना है कि मां भले भी कोरोना पॉजिटिव हो, पर उसके दूध में इतनी ताकत होती है कि कोरोना जैसी कई बीमारियों से बच्चों की रक्षा कर सकता है। इसके अलावा मां के दूध में एंटीबडी होते हैं, जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि शुरू के छह माह तक बच्चे को केवल मां का दूध देना चाहिए क्योंकि उसके लिए वही सम्पूर्ण आहार होता है। इस दौरान बाहर का कुछ भी नहीं देना चाहिए। यहां तक कि पानी भी नहीं, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा रहता है।छह माह से बड़े बच्चों को स्तनपान कराने के साथ पूरक आहार देना भी शुरू करना चाहिए क्योंकि यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास का समय होता है।