26/11 बरसी: 13 साल पहले आज ही के दिन दहल उठी थी मुंबई, आतंकियों ने बेगुनाहों पर बरसाई थीं गोलियां

Edited By Seema Sharma,Updated: 26 Nov, 2021 09:45 AM

26 11 terror attack

मुंबई हमले की आज 13वीं बरसी है। 26/11 की तारीख को कोई नहीं भूल सकता, इसी दिन चंद आतंकियों ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मौत का ऐसा तांडव किया था, जिससे पूरी दुनिया दहल उठी थी।

नेशनल डेस्क: मुंबई हमले की आज 13वीं बरसी है। 26/11 की तारीख को कोई नहीं भूल सकता, इसी दिन चंद आतंकियों ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मौत का ऐसा तांडव किया था, जिससे पूरी दुनिया दहल उठी थी।  26 नवंबर 2008 की शाम को जब लोग अपने-अपने कामों में व्यस्त थे, तभी अचानक शहर में गोलियों की आवाज गूंज उठी। एक पल में तो किसी को किसी को समझ भी नहीं आया कि आखिर हो क्या रहा है। मुंबई हमले की शुरुआत लियोपोल्ड कैफे और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (CST) से हुई थी। आधी रात होते-होते मुंबई शहर की फिजाओं में आतंक का असर नज़र आने लगा था। लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्र के रास्ते भारत की व्यावसायिक राजधानी में दाखिल हुए और 170 बेगुनाहों को बेरहमी से गोलियों से छलनी कर दिया, इस हमले में 308 लोग घायल हुए थे। 

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ताज में आतंक का तांडव
26 नंवबर 2008 को रात के तकरीबन 9:30 बजे थे। कोलाबा इलाके में आतंकवादियों ने पुलिस की दो गाड़ियों पर कब्जा कर लिया। इन लोगों ने पुलिस वालों पर गोलियां नहीं चलाईं। सिर्फ बंदूक की नोंक पर उन्हें उतार कर गाड़ियों को लूट लिया। यहां से एक गाड़ी कामा अस्पताल की तरफ निकल गई जबकि दूसरी गाड़ी दूसरे साइड पर चली गई। रात के लगभग 9 बजकर 45 मिनट हुए थे। तकरीबन 6 आतंकवादियों का एक गुट ताज की तरफ बढ़ा जा रहा था। उनके रास्ते में आया लियोपार्ड कैफे। यहां भीड़-भाड़ थी। भारी संख्या में विदेशी भी मौजूद थे। हमलावरों ने अचानक AK-47 लोगों पर तान दी। देखते ही देखते लियोपार्ड कैफे के सामने खून की होली खेली जाने लगी। बंदूकों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका गूंज उठा लेकिन आतंकवादियों का लक्ष्य यह कैफे नहीं था। यहां गोली चलाते, ग्रेनेड फेंकते हुए आतंकी ताज होटल की तरफ चल दिए। ताज होटल में घुसकर आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। रात के 9 बजकर 55 मिनट हो चुके थे। शहर में चार जगहों पर मुठभेड़ चल रही थी। छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन के अलावा आतंकियों ने ताज होटल, होटल ओबेरॉय, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और दक्षिण मुंबई के कई स्थानों पर हमले शुरु कर दिया था। पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बल भी मैदान में डट गए थे, एक साथ इतनी जगहों पर हमले ने सबको चौंका दिया था, इसकी वजह से आतंकियों की संख्या की अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा था।

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आतंकियों की गिरफ्त में ताज
26 नवंबर की रात में ही आतंकियों ने ताज होटल की तरफ अपना रुख कर लिया था। यहां आतंकियों ने कई मेहमानों को बंधक बना लिया जिनमें सात विदेशी नागरिक भी शामिल थे। ताज होटल के हेरीटेज विंग में आग लगा दी गई थी। 27 नवंबर की सुबह NSG के कमांडो आतंकवादियों का सामना करने पहुंचे। सबसे पहले होटल ओबेरॉय में बंधकों को मुक्त कराकर ऑपरेशन 28 नवंबर की दोपहर को खत्म हुआ था, और उसी दिन शाम तक नरीमन हाउस के आतंकवादी भी मारे गए थे लेकिन होटल ताज के ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने में 29 नवंबर की सुबह तक का वक्त लगा। आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में 15 पुलिस अफसर-कर्मचारी और दो NSG कमांडो भी शहीद हुए। मुंबई में हमला करने वालों में एक को छोड़कर सभी को मार गिरा दिया गया। आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था जिसे 21 नंवबर 2012 में फांसी दी गई।

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