Edited By Pardeep,Updated: 13 Sep, 2019 05:22 AM
पर्यावरण को वर्तमान में सबसे बड़ा खतरा प्लास्टिक से है। बावजूद इसके लोग सिंगल प्रयोग में लाए जाने वाले प्लास्टिक का धड़ल्ले से प्रयोग करने में लगे हुए हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए जहां एक ओर नई दिल्ली नगर पालिका परिषद् (एनडीएमसी) द्वारा लोगों...
नई दिल्ली: पर्यावरण को वर्तमान में सबसे बड़ा खतरा प्लास्टिक से है। बावजूद इसके लोग सिंगल प्रयोग में लाए जाने वाले प्लास्टिक का धड़ल्ले से प्रयोग करने में लगे हुए हैं।
इन बातों को ध्यान में रखते हुए जहां एक ओर नई दिल्ली नगर पालिका परिषद् (एनडीएमसी) द्वारा लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर प्लास्टिक का प्रयोग करने व सरकारी आदेश का खुलेआम उल्लंघन करने वालों पर भी एनडीएमसी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एनडीएमसी द्वारा मात्र 15 दिनों में ही 295 लोगों का चालान काट दिया है ताकि अन्य लोग भी कठोरता से नियमों का पालन करें और पर्यावरण को दूषित होने से बचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
बता दें कि हाल ही में एनडीएमसी द्वारा बाजारों, स्कूलों, पार्को व उद्यानों सहित एनडीएमसी में आने वाले विभिन्न इलाकों के आरडब्ल्यूए व मार्केट एसोसिएशन के लोगों को प्लास्टिक प्रयोग नहीं करने के लिए प्लोगिंग अभियान चलाया है। खुद एनडीएमसी सेक्रेटरी रश्मि सिंह भी रोजाना इलाके के किसी पार्क में सुबह जाकर जायजा ले रही हैं और प्लास्टिक व कूड़े को इकटठा कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही हैं। ऐसे में सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के हानि से पर्यावरण को बचाने के लिए एनडीएमसी ने सख्त कदम उठाते हुए 295 लोगों के चालान काटे हैं।
इस दौरान एनडीएमसी के स्वास्थ्य विभाग द्वारा 50 माइक्रोन मोटाई के 443.35 किलो प्लास्टिक बैग को जब्त भी किया है। आंकड़ों के अनुसर 17 अगस्त से 31 अगस्त तक के बीच 295 लोगों के चालान काटे गए। 295 में से 242 लोगों ने 50 माइक्रोन मोटाई के प्लास्टिक रखने के लिए 5000 रुपए का चालान भर भी दिया हैं। प्लास्टिक पर चालान में अभी तक एनडीएमसी को कुल 12 लाख 10 हजार रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है।
क्या कहती हैं एनडीएमसी सचिव
इस बाबत पूछे जाने पर एनडीएमसी सेक्रेटरी रश्मि सिंह ने कहा कि चालान के साथ ही हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि वो घर से थैला लेकर आएं। इसके अलावा हमने होटल व रेस्तरा चलाने वाले लोगों को भी प्लास्टिक पैकेजिंग की जगह अन्य प्रकार से पैकिंग करने के कई सुझाव दिए जोकि इको फ्रैंडली हैं। खुशी की बात यह है कि लोग इन्हें मान भी रहे हैं। आवश्यकता लोगों को खुद नियमों को मानकर पर्यावरण संरक्षण से जुडऩे की है। इसलिए हम रोजाना नए-नए तरीकों से लोगों को जागरूकर कर रहे हैं। मैंने गुरूवार को इंडिया गेट सहित पंडारा रोड़ व उसके आस-पास के इलाकों में लोगों को जागरूक किया।