ड्रैगन की साजिशः चीन के 20 लाख CPC जासूस दुनियाभर के दूतावासों और वैश्विक कंपनियों में तैनात

Edited By Tanuja,Updated: 15 Dec, 2020 12:31 PM

2m cpc members working for global companies in australia us and india

दुनिया पर साम्राज्य का सपना देखने वाले चीन की नई खतरनाक साजिश सामने आई है । ऑस्ट्रेलियाई मीडिया द आस्ट्रेलियन ने अपनी रिपोर्ट में ड्रैगन की ..

मेलबर्नः दुनिया पर साम्राज्य का सपना देखने वाले चीन की नई खतरनाक साजिश सामने आई है । ऑस्ट्रेलियाई मीडिया द आस्ट्रेलियन ने अपनी रिपोर्ट में ड्रैगन की इस नई चाल की पोल खोलकर रख दी है। रिपोर्ट के मुताबिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी  (CPC) के  20 लाख जासूस भारत सहित दुनियाभर के वाणिज्यिक दूतावासों, रक्षा, बैंक और वैश्विक कंपनियों में काम करते हैं । द आस्ट्रेलियन ने ये खुलासा डेटा लीक के आधार पर किया है । डेटा से दुनियाभर में रह रहे और कार्य कर रहे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के करीब 20 लाख कथित कार्यकताओं के पद, जन्म की तारीख, राष्ट्रीय पहचान पत्र संख्या, जातीयता जैसे आधिकारिक रिकार्ड का पता चला है। 

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लीक डाटा में खुले चौंकाने वाले राज
 द आस्ट्रेलियन ने अपनी इस रिपोर्ट में बताया कि कैसे कथित CPC सदस्य रक्षा और बैंक के क्षेत्रों के दुनिया के कुछ बड़े कॉरपोरेशनों में एवं कोरोना वायरस के टीके के विनिर्माण में लगी बड़ी दवा कंपनियों में नियुक्त किए गए। अखबार के अनुसार जिन कंपनियों में CPC सदस्य काम पर लगाए गए हैं वे बोइंग एंड वोल्क्सवेगन, दवा कंपनियां फाइजर और एस्ट्राजेनेका तथा एएनजेड एवं एचएसबीसी समेत वित्तीय संस्थान हैं। द आस्ट्रेलियन पत्रकार एवं स्काई न्यूज की मेजबान शैरी मार्कसन ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में लिखा, इसे दुनिया में अपनी तरह का पहला लीक डेटा माना जा रहा है। मार्कसन ने कहा कि इस डाटाबेस के बारे में चौंकाने वाली बात केवल यह नहीं है कि यह उन लोगों को बेनकाब करती है जो कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य हैं और जो अब आस्ट्रेलिया से लेकर अमेरिका और ब्रिटेन समेत पूरी दुनिया में रह रहे हैं एवं कार्य कर रहे हैं बल्कि यह इस बात पर भी पर्दा हटाती है कि कैसे पार्टी राष्ट्रपति और अध्यक्ष शी जिनपिंग के तहत काम करती है।

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डेटा में 19.5 लाख CPC सदस्यों के ब्योरे का खुलासा
लीक डेटा में 19.5 लाख CPC सदस्यों के ब्योरे का खुलासा किया गया है। इस डेटा को व्हिसलब्लोअर ने चीन की वाणिज्यिक राजधानी शंघाई के सर्वर से हासिल किया था। द आस्ट्रेलियन के विश्लेषण में सामने आया कि शंघाई में कम से कम 10 वाणिज्य दूतावासों में CPC  सदस्य वरिष्ठ राजनीतिक एवं सरकारी विषयक विशेषज्ञ, लिपिक, आर्थिक सलाहकार और कार्यकारी सहायक के रूप में नियुक्त गए हैं। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सत्तारूढ़ CPC शंघाई में आस्ट्रेलियाई, ब्रिटिश और अमेरिकी भारतीय वाणिज्य दूतावासों में घुसपैठ कर चुकी है। विदेश मामले एवं व्यापार विभाग स्थानीय कर्मियों की भर्ती के लिए चीनी सरकारी एजेंसी की मदद लेता है। इसमें 79,000 शाखाओं का भी खुलासा किया है और उनमें से कई कंपनियों, विश्वविद्यालयों और सरकारी एजेंसियों में है।

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चीनी बागियों ने ही सर्वर से चुराया डेटा
शैरी मार्कसन के अनुसार CPC शाखाएं पश्चिमी (अमेरिकी और यूरोपीय) कंपनियों के अंदर स्थापित की गई हैं, जहां सदस्यों को यदि बुलाया जाता है तो वे सीधे पार्टी और स्वयं राष्ट्रपति शी के प्रति जवाबदेह होते हैं। यह कुछ उन वैश्विक कंपनियों को असहज कर सकता है जो अपनी बौद्धिक संपदा की चोरी से रक्षा या आर्थिक जासूसी से बचने के उपाय की योजना नहीं करने वाली जान पड़ती हैं। मार्कसन ने कहा कि यह लीक एक अहम सुरक्षा उल्लंघन है और शी को परेशान कर सकता है। यह डेटा चीनी बागियों ने अप्रैल, 2016 में शंघाई के एक सर्वर से चुराया था। आस्ट्रेलिया का शीर्ष व्यापारिक साझेदार चीन के साथ तब रिश्ता खटासपूर्ण हो गया जब वह अपने 5 जी नेटवर्क में चीन की हुवई कंपनी पर सार्वजनिक रूप से रोकने वाला पहला देश बन गया। उसके बाद जब आस्ट्रेलिया ने कोरोना वायरस के उदगम स्थल के बारे में जांच की मांग की तब दोनों के बीच रिश्ते और बिगड़ गये।

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