ऑफ द रिकॉर्डः कोरोना होने के बाद 3 अस्पताल भी ‘अहमद पटेल को नहीं बचा पाए’

Edited By Pardeep,Updated: 05 Dec, 2020 05:42 AM

3 hospitals could not save ahmed patel after being corona

अहमद पटेल का निधन कांग्रेस में एक शून्य छोड़ गया है। वह ऐसे समय पर गए जब पार्टी को उनकी सबसे अधिक जरूरत थी। अहमद पटेल को उस समय बड़ा धक्का लगा था जब सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव पद से उन्हें हटाकर उनके

नई दिल्लीः अहमद पटेल का निधन कांग्रेस में एक शून्य छोड़ गया है। वह ऐसे समय पर गए जब पार्टी को उनकी सबसे अधिक जरूरत थी। अहमद पटेल को उस समय बड़ा धक्का लगा था जब सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव पद से उन्हें हटाकर उनके स्थान पर अंबिका सोनी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 

यह अलग बात है कि वह शीघ्र ही मंच के केंद्र में लौट आए थे। जब राहुल कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए तब भी पटेल को बड़ी चतुराई से किनारे कर दिया गया था क्योंकि राहुल अपनी पसंद की टीम चाहते थे। लेकिन सोनिया गांधी ने समझदारी दिखाते हुए पटेल को उनके अंतिम समय तक अपना राजनीतिक सलाहकार बनाए रखा। बाद में राहुल गांधी को भी उनमें कुछ गुण दिखाई दे गए और वह वापस राजनीति के अखाड़े में लौट आए। जब अक्तूबर में वह पहली बार कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए तो वह दूर फरीदाबाद के मैट्रो अस्पताल में इलाज कराने गए। बीमार होने पर वह वहां अक्सर जाया करते थे। फिर उन्हें अपोलो अस्पताल ले जाया गया और उसके बाद गुरुग्राम के मेदांता लाया गया। 

2 महीनों में उन्हें 3 अस्पतालों में भर्ती कराया गया परंतु कोई उन्हें बचा नहीं पाया। पटेल फरवरी में मैट्रो में उस समय भर्ती कराए गए थे जब उन्हें आयकर विभाग का सम्मन आया था। उनसे कांग्रेस का कोषाध्यक्ष होते हुए खजाने में नकद 400 करोड़ की राशि पहुंचने को लेकर पूछताछ की जानी थी। पटेल 14 फरवरी को आयकर विभाग के समक्ष पेश नहीं हुए। उन्हें सांस की तकलीफ के बाद मैट्रो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

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