Edited By Pardeep,Updated: 01 Apr, 2021 06:48 AM
फ्रांस से तीन और राफेल लड़ाकू विमानों ने बुधवार को भारत के लिए उड़ान भरी और ये विमान रास्ते में कहीं भी नहीं रुकेंगे। फ्रांस में भारतीय दूतावास ने यह जानकारी दी। दूतावास ने ट्विटर पर बताया कि रास्ते में संयुक्त अरब अमीरात का विमान इन लड़ाकू विमानों...
नई दिल्लीः भारतीय वायुसेना की ताकत में चार गुणा इजाफा हो गया है। आज तीन और नए राफेल लड़ाकू जेट फ्रांस से भारत पहुंचे गए हैं। गुजरात के जामनगर बेस में रात करीब 11 बजे इन विमानों ने लैंड किया। फ्रांस से निकलने के बाद तीनों राफेल जेट बिना कहीं रुके सीधे भारत पहुंचे हैं। रास्ते में यूएई की मदद से इनमें एयर-टू-एयर री-फ्यूलिंग कराई गई।
भारत में राफेल विमानों की चौथी खेप की लैंडिंग होने के बाद वायुसेना की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यूएई वायु सेना के टैंकरों द्वारा राफेल्स में ईंधन भरवाया गया। यह दो वायु सेनाओं के बीच मजबूत संबंधों में एक और मील का पत्थर साबित होगा।
पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई 2020 को भारत पहुंचा था। इससे करीब चार साल पहले फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपए में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया गया था। इन विमानों को पिछले साल 10 सितंबर को अंबाला में एक कार्यक्रम में आधिकारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। तीन राफेल का दूसरा जत्था तीन नवंबर को भारत पहुंचा था जबकि 27 जनवरी को तीन और विमान वायुसेना को मिले थे। भारत को अगले कुछ महीनों में फ्रांस से और राफेल विमान मिल सकते हैं।
भारत-चीन-भूटान के त्रिकोण पर स्थित हाशिमारा में होगा राफेल का दूसरा स्क्वॉड्रन
अंबाला के बाद अब पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में राफेल का दूसरा स्क्वॉड्रन बनाया जा रहा है। राफेल विमान के दूसरे स्क्वॉड्रन को हाशिमारा में मुख्य संचालन अड्डे पर मुस्तैद किया जाएगा। भारत को अगले कुछ महीनों में फ्रांस से और विमान मिलने की उम्मीद हैं। एक स्क्वॉड्रन में लगभग 18 विमान होते हैं।
2023 तक भारत को मिल जाएंगे सभी 36 राफेल
पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा 29 जुलाई को भारत पहुंचा था। इससे करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपए की लागत से, ऐसे 36 विमान खरीदने के लिए करार किया था। राफेल विमानों के पहले बैच को 10 सितंबर को वायु सेना में शामिल किया गया था। वायु सेना प्रमुख आर के एस भदौरिया ने पांच अक्टूबर को कहा था कि 2023 तक सभी 36 राफेल विमान वायु सेना में शामिल कर लिये जाएंगे। इससे पहले तक भारत को 11 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति हो चुकी थी जो पहले से ही अंबाला की 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन का हिस्सा हैं। अब भारत के पास कुल 14 राफेल लड़ाकू विमान हो चुके हैं।