डेंगू से 30 लोगों की मौत, ऐसे रखें अपना ध्यान

Edited By shukdev,Updated: 04 Aug, 2018 07:34 PM

30 people die from dengue keep your attention

मॉनसून शुरू होने बाद से डेंगू से देश भर में 14 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और इस वर्ष 22 जुलाई तक 30 लोगों की डेंगू से मौत हो चुकी है। नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत देश...

नई दिल्ली: मॉनसून शुरू होने बाद से डेंगू से देश भर में 14 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और इस वर्ष 22 जुलाई तक 30 लोगों की डेंगू से मौत हो चुकी है। नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत देश भर में 14,233 मामले सामने आए हैं। केरल में 22 जुलाई तक 2897 मामले सामने आए, जबकि इस बीमारी से 21 लोगों की मौत हुई। कर्नाटक में करीब 1903 मामले अब तक सामने आ चुके हैं। राज्य में डेंगू से किसी की मौत नहीं हुई है।
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एनवीबीडीसीपी के आंकड़े के मुताबिक इस वर्ष दिल्ली में अब तक डेंगू के 90 मामलों की पुष्टि हुई, हालांकि किसी की मौत नहीं हुई है। वर्ष 2017 में देश भर में डेंगू के एक लाख 88 हजार 401 लोग प्रभावित हुए थे और 325 लोगों की इस बीमारी से मौत हुई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने दिल्ली सहित 20 राज्यों के प्रधान सचिवों के साथ 27 अप्रैल को इस मसले पर समीक्षा बैठक की थी।
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जानिए कब पनपता है डेंगू 
डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है, क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। वहीं एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता।
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ऐसे फैलता है

डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। इसके बाद जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस दूसरे इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है।

  • ये हैं लक्षण
  • -सर्दी लगकर तेज बुखार आना।
  • -सिरदर्द होना।
  • -आंखों में दर्द होना।
  • -उल्टी आना।
  • -सांस लेने में तकलीफ होना।
  • -शरीर, जोड़ों व पेट में दर्द होना।
  • -शरीर में सूजन होना।
  • -त्वचा पर लाल निशान आ जाना।
  • -कुछ लोगों को इस बीमारी में रक्तस्राव (ब्लीडिंग)भी हो जाता है। जैसे मुंह व नाक से और मसूढ़ों से। इस स्थिति को डेंगू हेमोरेजिक फीवर कहा जाता है।
  • -पेशाब लाल रंग का आना, काले दस्त आना।
  • -दौरे आना और बेहोशी छा जाना।
  • -ब्लड प्रेशर का कम (लो)होना, जिसे डेंगू शॉक सिंड्रोम कहते हैं। इस स्थिति में शरीर के विभिन्न अंगों को सुचारु रूप से रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती।

    ऐसे बचें डेंगू से
  • डेंगू से बचने के दो ही उपाय हैं। एडीज मच्छरों को पैदा होने से रोकना। एडीज मच्छरों के काटने से बचाव करना।
  • काटने से ऐसे करें बचाव
  •  - ऐसे कपड़े पहने, जिससे शरीर का ज्यादा-से-ज्यादा हिस्सा ढका रहे। खासकर बच्चों के लिए यह सावधानी बहुत जरूरी है। बच्चों को मलेरिया सीजन में निक्कर व टी-शर्ट न पहनाएं। 
  • - बच्चों को मच्छर भगाने की क्रीम लगाएं। - रात को सोते समय मच्छरदानी लगाएं।
     
  • इन बातों का रखें खास ख्याल
  •  डॉक्टरों के अनुसार इन दिनों बुखार होने पर सिर्फ पैरासिटामोल (क्रोसिन, कैलपोल आदि) लें। एस्प्रिन (डिस्प्रिन, इकोस्प्रिन) या एनॉलजेसिक (ब्रूफिन, कॉम्बिफ्लेम आदि) बिल्कुल न लें। क्योंकि अगर डेंगू है तो एस्प्रिन या ब्रूफिन आदि लेने से प्लेटलेट्स कम हो सकती हैं और शरीर से ब्लीडिंग शुरू हो सकती है
  • कई बार चौथे-पांचवें दिन बुखार कम होता है तो लगता है कि मरीज ठीक हो रहा है, जबकि ऐसे में अक्सर प्लेटलेट्स गिरने लगते हैं। बुखार कम होने के बाद भी एक-दो दिन में एक बार प्लेटलेट्स काउंट टेस्ट जरूर कराएं। अगर किसी को डेंगू हो गया है तो उसे मच्छरदानी के अंदर रखें, ताकि मच्छर उसे काटकर दूसरों में बीमारी न फैलाएं।

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