Edited By Murari Sharan,Updated: 24 May, 2020 09:43 AM
दिल्ली में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा धड़ल्ले से बढ़ रहा है, इसके बाद भी यहां अस्पतालों में संक्रमितों की इतनी भीड़ नहीं क्योंकि यहां पर 48 प्रतिशत संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं...
नई दिल्ली/डेस्क। दिल्ली में कोरोना संक्रमित (Corona Infected) लोगों की संख्या धड़ल्ले से बढ़ने लगी है। प्रतिदिन 500 या इससे अधिक मामले सामने आने लगे हैं। हालांकि दिल्ली के अस्पतालों में इसके बाद भी संक्रमितों की संख्या अधिक नहीं है। इसका कराण है कि दिल्ली में 48 प्रतिशत तक संक्रमित होम आइसोलेशन (home isolation) में हैं। ये ऐसे मरीज हैं जिनकी हालात सामान्य हैं और इनमें कोरोना के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। सरकार इनको फोन के जरिए डॉक्टरी सलाह दे रही है।
होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के लिए अलग से डॉक्टरों का एक पैनल बनाया गया है जो उनके लिए हमेशा फोन के जरिए उपलब्ध रहता है। रविवार के दिन भी ये सुविधा उपलब्ध रहती है। दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव 3086 मरीज होम आइसोलेशन में है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। दिल्ली सरकार पहले ही साफ कर चुके हैं कि कोरनर का संक्रमण पॉजिटिव पाए जाने का यह मतलब नहीं है कि उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराना जरूरी है।
गंभीर बीमारी होने पर ही हों भर्ती
स्वास्थ विभाग में साफ कहा है कि इलाज उस संक्रमित मरीज के लिए जरूरी है जिसमें संक्रमण की वजह से कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं। चाहे सांस की दिक्कत हो या फिर कुछ और दिक्कत हो जाए। संक्रमण के बाद जिन लोगों को कोई शारीरिक दिक्कत या बीमारी नहीं होती उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। ऐसे लोगों को अपने घरों में होम आइसोलेशन में रहना चाहिए। अभी ऐसे 3086 पॉजिटिव मरीज अपने घरों में है।
इसलिए दी थी होम आइसोलेशन की सलाह
बता दें कि कोविड के बढ़ते बचाव के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पॉजिटिव मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की सलाह दी थी। इसके लिए एक गाइड लाइन भी जारी की गई है। इसमें बताया गया है कि अगर कोई पॉजिटिव केस बहुत ही माइल्ड है तो ऐसे मरीजों को अस्पताल में जाकर इलाज कराने की जरूरत नहीं है। उन्हें होम आइसोलेशन में रखने की जरूरत है।
मरीजों की तीन कैटेगरी
गाइडलाइन में मरीज के पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसे तीन कैटेगरी में बांटा गया है- माइल्ड, मॉडरेट और सीवियर।
माइल्ड और वेरी माइल्ड- मरीज को फीवर या यूआरटीआई हो तो होम आइसोलेशन या कोविड केयर सेंटर में रखने की जरूरत है।
मॉडरेट- मरीज न्यूमोनिया हो लेकिन कोई बीमारी है, स्थिति गंभीर ना हो तो ऐसे मरीज को कोविड हेल्थ केयर सेंटर या कोविड हॉस्पिटल में भर्ती करने की जरूरत है।
सीवियर- मरीज को सास दिक्कत हो हृदय की गति कम हो तो ऐसे मरीज को डेडिकेटड कोविड हॉस्पिटल में रखने की जरूरत है। जहां आइसीयू और वेंटिलेटर की व्यवस्था हो।