कृषि कानून को 32 पूर्व नौकरशाहों का समर्थन, सरकार के प्रयास की तारीफ की

Edited By Yaspal,Updated: 28 Sep, 2020 07:50 PM

32 former bureaucrats support agricultural legislation

पूर्व नौकरशाहों के एक समूह ने मोदी सरकार द्वारा बनाए गए कृषि सुधार कानूनों का सोमवार को समर्थन किया और आरोप लगाया कि किसानों की मनोदशा पर नकारात्मक असर डालने के लिए मुद्दे पर ‘‘दुष्प्रचार'' किया जा रहा है। इन पूर्व नौकरशाहों ने दावा किया कि संसद...

नई दिल्लीः पूर्व नौकरशाहों के एक समूह ने मोदी सरकार द्वारा बनाए गए कृषि सुधार कानूनों का सोमवार को समर्थन किया और आरोप लगाया कि किसानों की मनोदशा पर नकारात्मक असर डालने के लिए मुद्दे पर ‘‘दुष्प्रचार'' किया जा रहा है। इन पूर्व नौकरशाहों ने दावा किया कि संसद द्वारा पारित विधेयकों ने देश के किसान समुदाय को शोषण वाली व्यवस्था से आजादी दी है। उन्होंने एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘आशंका करने की वजह है क्योंकि हमारे समाज में कुछ धड़े देश में दुष्प्रचार कर रहे हैं। हाल के समय में हमने देखा है कि असत्य और तोड़-मरोड़ कर बातों को रखे जाने से अल्पसंख्यकों, छात्रों की मनोदशा पर बहुत ही नकारात्मक असर पड़ा और अब किसानों के साथ ऐसा किया जा रहा है।''

पूर्व नौकरशाहों के बयान में आरोप लगाया गया कि देश को अस्थिर करने और अल्पसंख्यकों, छात्रों तथा किसानों के बीच असंतोष पैदा करने के लिए ‘‘निहित हित'' वाले लोगों के प्रयासों पर संदेह करने की वजह है। इस समूह में पूर्व वित्त सचिव एस नारायण, पूर्व बैंकिंग सचिव डी के मित्तल, पूर्व रक्षा सचिव जी मोहन कुमार, पूर्व पेट्रोलियम सचिव सौरभ चंद्रा और पूर्व नागर विमानन सचिव के एन श्रीवास्तव समेत 32 पूर्व आईएएस अधिकारी शामिल हैं। परोक्ष तौर पर कांग्रेस का हवाला देते हुए पूर्व नौकरशाहों ने कहा है कि कुछ राजनीतिक दल जो अब इस कानून का विरोध कर रहे हैं उनके घोषणापत्र में भी बिचौलियों से किसानों को मुक्ति दिलाने और अपनी उपज को कहीं भी बेचने की आजादी दिलाने की बात कही गयी थी।

पूर्व नौकरशाहों ने कहा है कि सरकार ने किसानों के जीवन में बदलाव के लिए महत्वपूर्ण कानून बनाए हैं। इन कानूनों के जरिए देश के किसानों की प्रगति को धीमा करने वाले अवरोधों को खत्म किया गया है। पूर्व नौकरशाहों ने इन कानूनों के तहत किसानों को कहीं भी अपनी उपज बेचने और किसी के साथ भी अनुबंध करने की आजादी के प्रस्तावित फायदों का जिक्र करते हुए कहा है कि किसानों को ‘‘भड़काना'' आपत्तिजनक है। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सरकार ने स्पष्ट आश्वासन दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था पहले की तरह बनी रहेगी।

पूर्व नौकरशाहों ने कहा कि किसानों को जहां भी दिक्कतें हो रही हैं, वह अपर्याप्त स्थानीय विपणन सुविधा के कारण होती है और इस कारण से बिचौलिए उनका ‘‘शोषण'' करते हैं। उन्होंने कहा है कि अगर भारत उनके लिए एक बाजार के तौर पर विकसित हो जाए और निजी क्षेत्र उनके उत्पादों की खरीद करे तो किसानों को कभी नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार द्वारा विभिन्न आर्थिक पैकेजों के साथ ही ऐतिहासिक कानूनों से निश्चित तौर पर किसान समुदायों का उत्थान होगा और वे समृद्ध होंगे। इन कानूनों से किसानों के लिए निष्पक्ष और मुक्त तंत्र का निर्माण होगा। '' पूर्व नौकरशाहों ने कहा, ‘‘हमारा समूह किसानों को गुमराह करने और राष्ट्रीय पहल को बदनाम करने के निहित हितों के प्रयासों की निंदा करता है। ''

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