आतंकियों की मौत के बाद पुलवामा में हिंसा, 7 पत्थरबाजों की मौत , 60 घायल

Edited By Monika Jamwal,Updated: 15 Dec, 2018 04:47 PM

total 11 killed in pulwama encounter and clashes

दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में शनिवार को एक मुठभेड़ स्थल के समीप एकत्रित हुई उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 7 पत्थरबाज मारे गए।

श्रीनगर:  दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में शनिवार को एक मुठभेड़ स्थल के समीप एकत्रित हुई उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 7 पत्थरबाज मारे गए। पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ में तीन आतंकवादी भी मारे गए और सेना का एक जवान शहीद हुआ है। वहीं इस दौरान हुई हिंसक झड़पों में 60 के करीब लोग घायल हो गए हैं।  अधिकारियों ने दक्षिण कश्मीर के चारों जिलों में मोबाइल इंटरनेट सुविधाएं बंद कर दी हैं।

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पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह घटना सुबह खरपोरा सिरनू गांव में हुई, जब सुरक्षाबलों ने सेना से भागे हुए जहूर अहमद ठोकर समेत तीन आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया रिपोर्टों के आधार पर इलाके की घेराबंदी कर दी। उन्होंने बताया कि जैसे ही ठोकर के मुठभेड़ में फंसे होने के बारे में खबरें फैली तो पत्थरबाजों ने मुठभेड़ स्थल पर जुटना शुरू कर दिया। ठोकेर इसी गांव का था।    

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अधिकारियों ने बताया कि तीन आतंकवादियों के मारे जाने के साथ ही मुठभेड 25 मिनट में खत्म हो गई लेकिन सुरक्षाबल तब मुश्किल में पड़ गए जब पत्थरबाजों ने सेना के वाहनों पर चढऩा शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि पत्थरबाजों को चेतावनी देने के लिए हवा में गोलियां भी चलाई गईं लेकिन उससे भी उग्र भीड़ रुकी नहीं जिससे सुरक्षाबलों को उन पर गोलियां चलानी पड़ी। घटना में सात पत्थरबाजों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए जिनमें एक युवक की हालत गंभीर बताई जा रही है। ठोकेर पिछले साल जुलाई में उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले के गंटमुल्ला इलाके में सेना की शाखा से लापता हो गया था। वह अपनी र्सिवस राइफल और तीन मैगजीन के साथ फरार हो गया था तथा आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था। सुरक्षाबलों ने कहा कि वह पुलवामा जिले में कई हत्याओं में शामिल था। दो अन्य आतंकवादियों की पहचान की जा रही है। 

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दक्षिण कश्मीर में भय का माहौल: महबूबा 

जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने पुलवामा मेें उग्र प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए सुरक्षा बलों की कार्रवाई में नागरिकों के मारे जाने की घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि किसी प्रकार की जांच मारे गए लोगों को वापिस नहीं जा सकती है। महबूबा मुफ्ती ने सवाल किया,‘‘जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन से क्या हमने यही उम्मीद की थी,जहां प्रशासन नागरिकों का जीवन बचाने में विफल साबित हो रहा है।’’ 

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा,‘‘किसी प्रकार की जांच मारे गए उन लोगों को वापस नहीं ला सकती। दक्षिण कश्मीर में गत छह माह से भय का माहौल है। क्या हमने राज्यपाल शासन से यही उम्मीद की थी? प्रशासन नागरिकोंं की रक्षा करने में पूरी तरह विफल है। मृतकों के प्रति गहरी संवेदनाएं।’’ 

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