Edited By vasudha,Updated: 09 Jul, 2018 12:13 PM
लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। इस मुद्दे पर राजनीति दल दो गुटों में बंट गए हैं। जहां देश के 4 राजनीतिक दलों ने इसका समर्थन किया हे तो वहीं नौ दल इसके विरोध में हैं...
नेशनल डेस्क: लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। इस मुद्दे पर राजनीतिक दल दो गुटों में बंट गए हैं। जहां देश के 4 राजनीतिक दलों ने इसका समर्थन किया हे तो वहीं नौ दल इसके विरोध में हैं। हालांकि भाजपा और कांग्रेस ने इसे लेकर चुप्पी साध रखी है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विधि आयोग द्वारा की गई बैठक में भी दोनों पार्टियों ने हिस्सा नहीं लिया।
भाजपा के सहयोगी दल ने किया विरोध
एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर दो दिवसीय कार्यक्रम के अंत में एनडीए के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के अलावा, AIADMK, समाजवादी पार्टी, जदयू, टीआरएस और नवीन पटनायक के बीजू जनता दल ने इस विचार का समर्थन किया है। वहीं भाजपा के सहयोगी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, डीएमके, तेलगु देशम पार्टी, भाकपा, माकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक और जनता दल (एस) ने इसका विरोध किया है।
देश के विकास में मिलेगी मदद: TRS
विधि आयोग के अध्यक्ष को टीआरएस के प्रमुख के चंद्रशेखर राव का पत्र सौंपने के बाद करीमनगर के टीआरएस सांसद बी विनोद कुमार ने मीडिया ने कहा कि कई लोग मानते हैं कि विधानसभाओं एवं संसद का एक साथ चुनाव कराना भाजपा या मोदी का एजेंडा है। लेकिन विधि आयोग ने काफी पहले ही प्रक्रिया शुरु कर दी थी। टीआरएस सांसद के अनुसार तेलंगाना राष्ट्र समिति और के सी आर का मत है कि एक बार चुनाव हो जाने से राज्यों एवं देश के विकास में मदद मिलेगी।
समाजवादी पार्टी ने किया समर्थन
समाजवादी पार्टी की ओर से राम गोपाल यादव ने इस विचार का समर्थन किया। हालांकि उन्होंने साफ किया कि पहला एक साथ चुनाव 2019 में होना चाहिए जब 16वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होग। अगर 2019 में एक साथ चुनाव कराए जाते हैं तो उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की बीजेपी सरकार का कार्यकाल छोटा हो जाएगा।
एक साथ चुनाव करवाने से ‘‘नष्ट’’ होगा संसदीय लोकतंत्र: आप
वहीं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता आशीष खेतान ने इसका विरोध जताते हुए कहा कि उनकी पार्टी का यह मानना है कि एक साथ चुनाव कराये जाने से भारत का संसदीय लोकतंत्र एवं संघवाद ‘ नष्ट ’ होगा। खेतान ने विधि आयोग और उसके सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि आप इस मामले में पार्टी के रूख को लेकर आयोग को एक विस्तृत पत्र सौंपेगे।