मोदी सरकार के 4 साल: अपने ही हुए खिलाफ, PM पर भारी पड़े ये विवाद

Edited By Seema Sharma,Updated: 24 May, 2018 01:02 PM

4 years of modi government these controversy overwhelmingly on pm

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्ता में आई एनडीए सरकार के 26 मई, 2018 को 4 साल पूरे होने वाले हैं। इन चार सालों में मोदी सरकार कई विवादों को लेकर सुर्खियों में रही और विपक्ष ने भी इन विवादों को भुनाने की कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। नरेंद्र मोदी ने 26 मई,...

नेशनल डेस्क: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्ता में आई एनडीए सरकार के 26 मई, 2018 को 4 साल पूरे होने वाले हैं। इन चार सालों में मोदी सरकार कई विवादों को लेकर सुर्खियों में रही और विपक्ष ने भी इन विवादों को भुनाने की कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। नरेंद्र मोदी ने 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। तब से लेकर अभी तक उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में कई बदलाव किए लेकिन विवादों ने भाजपा सरकार का पीछा नहीं छोड़ा। वहीं भाजपा के अपने ही पार्टी के खिलाफ हो गए जिनमें से एक शत्रुघ्न सिन्हा और यशवंत सिन्हा भी हैं। शत्रुघ्न सिन्हा आए दिन भाजपा के खिलाफ कोई न कोई बयान देते रहते हैं तो दूसरी तरफ यशवंत सिन्हा ने भी हाल ही में पार्टी छोड़ दी है।
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आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य दर्जा
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने का मामला इन दिनों काफी गर्माया हुआ है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू मोदी सरकार के खिलाफ खुलकर सामने आ गए है। हालांकि अभी तक टीडीपी ने भाजपा से गंठबंधन नहीं तोड़ा है लेकिन नायडू आए दिन खुलकर मोदी का विरोध कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना भी भाजपा से अलग हो गई और 2019 में अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा की।
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डोकलाम विवाद
साल 2017 में डोकलाम विवाद सुर्खियों में रहा। भारत और चीन के रिश्तों में सीमा विवाद को लेकर तल्खी भी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई। दोनों देश की सेनाएं भारत-भूटान और चीन की सीमा पर डटी रहीं और करीब दो महीने बाद यह विवाद सुलझा। विवाद सुलझने के कुछ माह बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन का दौरा भी किया। वहीं विपक्ष ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर तंज कसा और प्रधानमंत्री के 56 इंच के सीने पर सवाल उठाए।
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ललित मोदी/ विजय माल्‍या/नीरव मोदी विवाद
सिलेब्रिटी ज्वेलर और अरबपति डायमंड मर्चेंट नीरव मोदी ने पंजाब नैशनल बैंक से 11,360 करोड़ रुपए का घोटाला किया और भारत से फरार हो गया। नीरव मोदी को लेकर विपक्ष ने पीएम मोदी पर निशाना साधा और कहा कि पहले माल्या और फिर ललित मोदी और अब नीरव मोदी। बता दें कि विजय माल्‍या पर भी बैंकों का करीब 9000 करोड़ का कर्ज बकाया है। भारतीय एजेंसियां कुछ कर पाती विजय माल्‍या ने उससे पहले ही देश छोड़ दिया। इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को जमकर विरोध का सामना करना पड़ा। वहीं ललित मोदी को लेकर सुषमा स्वराज पर कई तरह के आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने ललित को भारत से बाहर जाने में मदद की। विपक्ष ने इस पर काफी हंगामा किया था और सुषमा के इस्तीफे की मांग की थी।
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PM मोदी डिग्री विवाद
दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अप्रैल 2016 में पीएम मोदी की डिग्री को लेकर सवाल उठाए थे। मोदी के डिग्री विवाद में केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने दिसंबर 2016 में 1978 के डीयू रिकॉर्ड की पड़ताल करने का निर्देश दिया था। सीआईसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय को वर्ष 1978 में बीए पास करने वाले सभी छात्रों के रिकॉर्ड की पड़ताल करने का निर्देश दिया था। डीयू के अनुसार, पीएम मोदी ने इसी साल बीए की परीक्षा पास की थी। डीयू ने सीआईसी के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है।
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EVM विवाद
गुजरात विधानसभा चुनावों के बाद एक बार फिर से सभी विपक्षी दलों ने ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया था। विपक्ष का आरोप था कि मशीनों से छेड़छाड़ कर उनके वोट भाजपा ने ले लिए हैं। हाल ही में हुए कर्नाटक चुनाव के भी जब शुरुआती रूझान आए तो कांग्रेस ने ईवीएम से छेड़छाड़ का राग छेड़ा था लेकिन जैसे ही कांग्रेस को ज्यादा वोट मिले तो विपक्ष ने इस पर चुप्पी साध ली।
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एससी/एसटी एक्ट
सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताई थी और इसके तहत मामलों में तुरंत गिरफ्तारी की जगह शुरुआती जांच की बात कही थी। लेकिन कोर्ट के इस फैसले को अलग ही रूप दे दिया गया और दलित सड़कों पर उतर आए। दलितों के भारत बंद के दौरान काफी नुकसान हुआ और कई लोगों की जान भी गई। विपक्ष ने इस मामले में भी राजनीति की और इस दौरान हुई हिंसा के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
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सुप्रीम कोर्ट विवाद
भारतीय इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार 4 जज मीडिया के सामने आए और देश में न्यायपालिका की हालत को लेकर चिंता जाहिर की। जज जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस मदन लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रंजन गोगोई ने मीडिया से बातकर शीर्ष अदालत के प्रशासन में अनियमितताओं पर सवाल खड़े किए थे। जजों के इस तरह सामने आने पर विपक्ष ने केंद्र को घेरा था कि इतिहास में आजतक ऐसा नहीं हुआ लेकिन मोदी राज में न्यायधीश भी न्याय मांग रहे हैं।

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