Edited By ,Updated: 26 Mar, 2017 07:53 PM
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जलवायु परिवर्तन को एक बड़ी वैश्विक चुनौती बताते हुए कहा कि जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल में कटौती।
पंजाब केसरी (नई दिल्ली): केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जलवायु परिवर्तन को एक बड़ी वैश्विक चुनौती बताते हुए कहा कि जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल में कटौती और हरित ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर ही इस विषम समस्या से निपटा जा सकता है। सिंह राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित ‘विश्व पर्यावरण सम्मेलन’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत ने इस विषम समस्या से निपटने के लिए अपनी ओर से बड़ी पहल करते हुए देश में ऊर्जा उत्पादन की 40 प्रतिशत क्षमता वर्ष 2030 तक गैर जीवाश्म ईधन पर आधारित करना तय किया है और नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य वर्ष 2022 तक 175 गीगावॉट करना तय किया है। उन्होंने कहा कि वाहनों के लिए ईधन के मानक बढ़ाए गए हैं और भारत उन चुङ्क्षनदा देशों में शामिल है जिन्होंने कोयले पर कर लगाया है।
सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा दुष्परिणाम किसानों को झेलना पड़ता है। जलवायु परिवर्तन के पीछे ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन का सबसे बड़ा हाथ है जिसकी परिणति बढ़ते वैश्विक तापमान के रूप में सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों के औद्योगिक विकास ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को बढ़ावा दिया है। उन्होंने सभी देशों से प्राकृतिक संसाधन का तर्कसंगत इस्तेमाल करने के लिए नीतियां स्वीकार करने का आहृवान किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक तापमान और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रत्येक देश को व्यापक कार्य योजना बनाने की जरूरत है।