जेट के लिए 400 करोड़ नहीं, हवाई प्रचार पर उड़ेंगे 1500 करोड़

Edited By Pardeep,Updated: 23 Apr, 2019 05:30 AM

400 crore for jet 1500 crore flyover on air campaign

4 रोज पहले देश की सबसे बड़ी विमानन कम्पनी जैट एयरवेज आर्थिक संकट के कारण ग्राऊंड हो गई। कम्पनी को 400 करोड़ के आपात फंड की दरकार थी जो किसी बैंक या ऋणदाता ने नहीं दिए। नतीजतन कम्पनी का परिचालन बंद हो गया और एक झटके में 23 हजार से अधिक कर्मचारी नौकरी...

इलेक्शन डेस्क(संजीव शर्मा):  4 रोज पहले देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी जेट एयरवेज आर्थिक संकट के कारण ग्राऊंड हो गई। कम्पनी को 400 करोड़ के आपात फंड की दरकार थी जो किसी बैंक या ऋणदाता ने नहीं दिए। नतीजतन कंपनी का परिचालन बंद हो गया और एक झटके में 23 हजार से अधिक कर्मचारी नौकरी से हाथ धो बैठे। अप्रत्यक्ष रोजगार का नुक्सान अलग है। 

दिलचस्प ढंग से यह उस देश में हुआ जहां 50 दिन में चुनाव के दौरान तमाम सियासी दल करीब 1500 करोड़ सिर्फ हवाई प्रचार पर ही खर्च कर डालेंगे। बिना समय गंवाए एक स्थान से दूसरे तक पहुंचने के लिए भाजपा और कांग्रेस समेत तमाम पार्टियां बड़े पैमाने पर हैलीकॉप्टर और एयर क्राफ्ट का प्रयोग कर रही हैं। देश में उपलब्ध सभी चार्टर्ड चॉपर और प्लेन अगले 50 दिन के लिए बुक हैं। 

1.5 लाख रुपए- हैलीकॉप्टर का प्रति घंटा किराया    

03 लाख रुपए- एयर क्राफ्ट का प्रति घंटा किराया  

डबल इंजन वाले चॉपर का किराया होता है ज्यादा 

भाजपा नेता सबसे ज्यादा उड़ेंगे 
हवाई प्रचार के मामले में भाजपा देश की अन्य पार्टियों से काफी आगे दिख रही है। गैर-सरकारी सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा ने देश के हैलीकॉप्टर्स में से लगभग 60 फीसदी हैलीकॉप्टर बुक कर लिए हैं। शेष बचे 40 फीसदी में से आधे कांग्रेस के पास और आधे क्षेत्रीय दलों के पास हैं। भाजपा ने हर राज्य में अपने स्टार प्रचारकों को कम से कम 2 चॉपर दिए हैं। बड़े राज्यों में यह संख्या उसी अनुपात में है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय नेताओं के लिए अलग से करीब 110 चॉपर बुक किए गए हैं। 

इसी तरह भाजपा ने 125 चार्टर्ड प्लेन भी बुक करा रखे हैं। आलम यह है कि कांग्रेस या अन्य विपक्षी दल अब शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें  हैलीकॉप्टर मिल ही नहीं रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व विदेशमंत्री आनंद शर्मा ने सरेआम मीडिया में कहा था कि उन्हें प्रचार के लिए हैलीकॉप्टर और प्लेन नहीं मिल रहे हैं क्योंकि भाजपा ने सभी की बुकिंग्स बहुत पहले करा ली हैं। हालांकि 10 जनपथ से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने अपनी सरकार वाले राज्यों में 2-2 और अन्य राज्यों में अपने स्टार प्रचारकों के लिए 1-1 चॉपर बुक कर रखा है। पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं के लिए 20 चार्टर्ड प्लेन बुक किए गए हैं। 

देश भर में लगभग 260 हैलीकॉप्टर और लगभग 200 चार्टर्ड प्लेन पंजीकृत हैं। चुनाव आयोग एक हैलीकॉप्टर का प्रति घंटा 70 हजार मानकर चलता है। हालांकि वास्तविक रेट इससे कहीं ज्यादा रहते हैं। देश में सबसे ज्यादा हैलीकॉप्टर पवन हंस और ग्लोबल वेक्ट्रा हैलीकॉर्प के पास हैं। इसके अलावा चार्टर्ड प्लेन कंपनियों क्लब वन एयर और ताज एयर के पास प्लेन का अच्छी फ्लीट है। चुनावी बुकिंग मिनिमम 50 दिन की रहती है।

पी.एम. को ही मिलता है सरकारी विमान 
चुनाव प्रचार के लिए पी.एम. सरकारी विमान का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका प्रावधान पहले आम चुनाव से ही है। नियमानुसार चुनावी सभा प्रचार के लिए जाने पर उन्हें सामान्य हवाई किराया ही देना पड़ता है लेकिन इसे पार्टी वहन करती है। पी.एम. के स्टाफ का किराया पी.एम.ओ. देता है। हां यदि उस विमान में कोई पार्टी नेता पी.एम. के साथ हो तो उसे अपना किराया (खुद या उसकी पार्टी को) देना होता है। अगर कहीं विमान नहीं जा सकता तो वायुसेना का चॉपर प्रधानमंत्री को ले जाता है। पी.एम. के सिवा कोई अन्य नेता चुनाव प्रचार के लिए सरकारी विमान/चॉपर का इस्तेमाल नहीं कर सकता। 

सामान्य उड़ानों में भी जबरदस्त बुकिंग 
र्टर्ड प्लेन और हैलीकॉप्टर से इतर चुनाव प्रचार के लिए सामान्य उड़ानों में भी जबरदस्त बुकिंग है। जिन जगहों के लिए आसानी से हवाई उड़ानें उपलब्ध हैं वहां इस विधि का प्रयोग होता है। प्रचार पर जाने वाले नेता को एग्जीक्यूटिव क्लास में उसके 2 सहयोगियों के साथ भेजा जाता है। हवाई प्रचार में यह सबसे सस्ता तरीका है लेकिन सब जगह सम्भव नहीं है। अगर सिर्फ  भाजपा और कांग्रेस की ही बात करें तो उनके केंद्रीय कार्यालयों से मिली सूचना के मुताबिक दोनों ने करीब 10 करोड़ रुपए की हवाई टिकटें पहले से खरीद रखी हैं। ये टिकटें पैसेंजर ट्रांसफर और अनलिमिटेड रि-शेड्यूलिंग सुविधा के साथ बुक हुई हैं।

विदेशों में है यह नियम 
दिलचस्प ढंग से विदेशों में हवाई प्रचार को लेकर नियम भारत से अलग हैं। अधिकांश यूरोपियन देशों अमरीका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में चुनाव की घोषणा से पहले की तमाम चार्टर्ड विमानन कंपनियों को किल कर दिया जाता है। वे किसी को भी विमान किराए पर नहीं दे सकतीं। जिस भी पार्टी को चॉपर या एयर क्राफ्ट चाहिए होता है वह सरकार को आवेदन करती है और उन्हें सेना की तरफ  से यह सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इससे जहां पारदर्शिता बनी रहती है वहीं सेना की भी मदद हो जाती है। 

ऐसे समझें हवाई प्रचार का खर्च 
कुल 200 चॉपर 
प्रति चॉपर प्रति घंटा 1.5 लाख रुपए 
3 3 घंटे न्यूनतम  = 450000 रुपए 

कुल 125 चार्टर्ड प्लेन  
प्रति घंटा 3 लाख रुपए 
3 5 घंटे न्यूनतम = 15 लाख रुपए

एयर क्राफ्ट्स का रोज का हवाई किराया 
18.75 करोड़ रुपए
(125 एयरक्राफ्ट 3 15 लाख) 
कुल 50 दिन का हुआ 937 करोड़ 50 लाख। 

रोज का चॉपर का किराया
09 करोड़ रुपए
(200 चॉपर 3 450000) 
कुल 50 दिन का हुआ करीब 500 करोड़। 

 
 

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