Edited By Pardeep,Updated: 08 Sep, 2024 10:03 PM
हिमाचल प्रदेश में इस साल जनवरी से जुलाई के अंत तक सड़क हादसों में करीब 403 लोगों ने जान गंवाई है। इसके अलावा सैकड़ों लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। पुलिस विभाग की ओर से सड़क हादसों की जांच में प्रारंभिक कारण मानवीय भूल को माना गया है।
नेशनल डेस्कः हिमाचल प्रदेश में इस साल जनवरी से जुलाई के अंत तक सड़क हादसों में करीब 403 लोगों ने जान गंवाई है। इसके अलावा सैकड़ों लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। पुलिस विभाग की ओर से सड़क हादसों की जांच में प्रारंभिक कारण मानवीय भूल को माना गया है। इसमें तेज रफ्तार, गलत ओवरटेकिंग और लापरवाही से गाड़ी चलाना मुख्य कारण हैं।
जिला शिमला में इस दौरान हुए सड़क हादसों में सबसे अधिक 60 लोगों ने जान गंवाई है। जिला मंडी में 58 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। ऊना जिले को भी सड़क हादसों को लेकर संवेदनशील माना गया है। यहां पर इस समय अवधि में 45 लोगों की जान गई है। कांगड़ा और सिरमौर जिले में 43, चंबा में 34, बद्दी में 25, कुल्लू में 22, बिलासपुर में 19, सोलन में 15, नूरपुर में 15, हमीरपुर में 13, किन्नौर में 6 और लाहौल-स्पीति में 5 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है।
प्रदेश सरकार और पुलिस विभाग सड़क हादसों में कमी लाने के लिए समय-समय पर जागरूक अभियान भी आयोजित कर रहा है। इसके तहत चालकों के लिए जागरुकता शिविरों का आयोजन भी किया जा रहा है। यही वजह है कि प्रदेश के कई जिलों में होने वाले सड़क हादसों में मृत्यु में कमी दर्ज की है।
वर्ष 2023 में इस समयावधि में 447 लोगों ने सड़क हादसों में जान गंवाई थी, जो कि इस साल 403 है। बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, नूरपुर और सोलन जिलों में पिछले साल की अपेक्षा इस साल सड़क हादसों में कमी दर्ज की गई है। हालांकि शिमला और ऊना और लाहौल-स्पीति जिले में इस दौरान मृत्यु दर में बढ़ोतरी हुई है।