Edited By Yaspal,Updated: 09 Jul, 2018 08:51 PM
नियोक्ता अपने कर्मचारियों को उपलब्ध कराये जाने वाले खाना-पीना, परिवहन तथा बीमा जैसी सुविधाओं पर चुकाए गए जीएसटी के लिए इन-पुट कर क्रेडिट प्राप्त कर सकेंगे।
नई दिल्लीः नियोक्ता अपने कर्मचारियों को उपलब्ध कराये जाने वाले खाना-पीना, परिवहन तथा बीमा जैसी सुविधाओं पर चुकाए गए जीएसटी के लिए इन-पुट कर क्रेडिट प्राप्त कर सकेंगे। जीएसटी कानून में संशोधन के कुल 40 से अधिक प्रस्तावों में एक प्रस्ताव ऐसे प्रावधान के लिए भी किया गया है।
संसद तथा राज्य विधानमंडलों द्वारा इसके पारित होने के बाद यह अमल में आएगा। इन-पुट कर क्रेडिट के तहत इकाई अपनी बिकी पर कर जमा कराते समय अपने उत्पाद को तैयार करने में प्रयुक्त संसाधनों (इन-पुट) पर लगे जीएसटी के बराबर की छूट का दावा कर सकती है। सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून-केंद्रीय जीएसटी , राज्य जीएसटी , एकीकृत जीएसटी तथा राजस्व क्षतिपूॢत कानून में 46 संशोधन का प्रस्ताव किया है। अन्य बातों के अलावा संशोधन में नया रिटर्न फाइङ्क्षलग नियम , पंजीकरण को रद्द करना तथा अलग - अलग व्यापार खंडों में काम कर रही कंपनियों के लिये अलग पंजीकरण तथा एकमुश्त डेबिट: क्रेडिट नोट शामिल हैं।
सरकार ने जीएसटी कानून में संशोधन को 15 जुलाई 2018 तक संबंधित पक्षों की प्रतिक्रिया मांगी है। राजस्व विभाग द्वारा संशोधन को अंतिम रूप दिये जाने के बाद उसे जीएसटी परिषद के समक्ष रखा जाएगा। उसके बाद जीएसटी कानून में संशोधन को लेकर उसे संसद तथा राज्य विधानमंडलों में पेश किया जाएगा।
संशोधन मसौदा के तहत नियोक्ताओं के लिये अगर किसी कानून के तहत कर्मचारियों को खाना-पीना, स्वास्थ्य सेवाएं, जीवन बीमा, यात्रा लाभ किराया या मोटर वाहन को किराये पर लेने की बाध्यता है तो वह इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त कर सकेंगे। संशोधन के तहत ई-वाणिज्य कंपनियों का सालाना कारोबार 20 लाख रुपये से कम है तो जीएसटी के तहत पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है और उन्हें धारा 52 के तहत स्रोत पर कर कटौती की जरूरत नहीं है।