त्रिपुरा चुनावः 46 साल बाद माकपा के मुकाबले मैदान में उतरा कोई राष्ट्रीय दल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Feb, 2018 04:01 PM

46 years later  a national team landed in front of cpi

भाजपा त्रिपुरा के उत्तर में स्थित धलाई जिले के अंबासा (सुरक्षित) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से मुकाबला करने के लिए 46 वर्ष बाद चुनाव मैदान में उतरने वाली पहली राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। अंबासा में 1972 के...

अंबासा (त्रिपुरा): भाजपा त्रिपुरा के उत्तर में स्थित धलाई जिले के अंबासा (सुरक्षित) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से मुकाबला करने के लिए 46 वर्ष बाद चुनाव मैदान में उतरने वाली पहली राष्ट्रीय पार्टी बन गई है।  अंबासा में 1972 के बाद से माकपा लगातार क्षेत्रीय दलों के मुकाबले लड़ती रही है। माकपा के खिलाफ वर्ष 1972 में आखिरी बार कांग्रेस चुनाव मैदान में उतरी थी और चुनाव जीता था। वर्ष 1977 में कांग्रेस ने क्षेत्रीय पार्टी त्रिपुरा उपाजाति जुबा समिति (टीयूजेएस) के साथ गठबंधन किया था तथा उस समय वह सीट टीयूजेएस के खाते में गई। टीयूजेएस ने 1983, 1988 और 1993 में भी चुनाव लड़ा।

टीयूजेएस को 1998 में भंग कर दिया गया और इंडीजीनस नेशनल पार्टी ऑफ त्रिपुरा (आईएनपीटी) का गठन किया गया। आईएनपीटी के बिजॉय ह्रंस्वाल 1998, 2003, 2008 और 2013 में वहां से चुनाव लड़े। वर्ष 2013 में वह चुनाव हार गए।  इस बार प्रमुख विपक्षी भाजपा ने आईएनपीटी के साथ तालमेल किया है लेकिन इस बार के चुनाव में अंबासा में भाजपा ने परिमल देववर्मा को उम्मीदवार बनाया है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक इस चुनाव में अपनी जीत को लेकर भाजपा आश्वस्त है।

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