Edited By Seema Sharma,Updated: 02 Mar, 2020 08:45 AM
कुछ दिन पहले तक कोलकाता हवाई अड्डे पर विमानों के आवागमन से काफी गहमा-गहमी और भीड़ रहती थी लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप ने इस हवाई अड्डे की रौनक छीन-सी ली है। अकेले कोलकाता हवाई अड्डे पर कोरोना का असर इस बात से देखा जा सकता है कि मध्य जनवरी तक...
कोलकाता: कुछ दिन पहले तक कोलकाता हवाई अड्डे पर विमानों के आवागमन से काफी गहमा-गहमी और भीड़ रहती थी लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप ने इस हवाई अड्डे की रौनक छीन-सी ली है। अकेले कोलकाता हवाई अड्डे पर कोरोना का असर इस बात से देखा जा सकता है कि मध्य जनवरी तक प्रतिदिन यहां से 9,232 यात्री विभिन्न देशों के लिए उड़ानें लेते थे जो संख्या आज कम होकर 8,574 रह गई है। इसका अर्थ हुआ 4,600 यात्री हर सप्ताह घट रहे हैं। यात्रियों की कमी के कारण हवाई अड्डे के फूड स्टाल्स की कमाई में भी 14 प्रतिशत तक की कमी आ गई है।
ऐसे हालात में पिछले कुछ महीनों से कोरोना प्रभाव के चलते अब फरवरी में विमान ऑप्रेटरों ने अपनी लगभग 10 प्रतिशत उड़ानें रद्द कर दी हैं। कोरोना वायरस के डर से लोगों के अपने विदेशी दौरे रद्द करने के बाद पिछले वीरवार सऊदी अरब की मक्का आने वाले हाजियों पर पाबंदी ने कोलकाता से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर खासा प्रभाव डाला है। इसके अलावा विभिन्न देशों द्वारा अपने नागरिकों को विदेशी दौरे रद्द करने की एडवाइजरी जारी करने से भी हालात गंभीर हो गए हैं जिससे विमान ऑप्रेटरों ने अपनी उड़ानें उसी हिसाब से कम कर दी हैं।
सबसे पहले चीन को जाने वाली उड़ानें रद्द हुईं क्योंकि भारत ने चीनी नागरिकों को वीजा देना बंद कर दिया। हांगकांग और वियतनाम को जाने वाली उड़ानें भी काफी कम हो गईं। बैंकाक, जो भारतीयों विशेष रूप से कोलकाता वासियों का पसंदीदा पर्यटन स्थल है, को जाने वाली उड़ानों पर भी कोरोना का डर हावी हो गया। खाड़ी देशों को जाने वाली उड़ानें रद्द होने से यूरोप और अमरीका को जाने वाली उड़ानों पर भी पर असर पड़ा है क्योंकि भारतीय वहां से उन देशों के लिए निकलते हैं।