Edited By Seema Sharma,Updated: 29 May, 2019 02:24 PM
बाइक पर अक्सर पिछली सीट पर बैठे लोग लापरवाही बरतते हैं और हेलमेट नहीं पहनते। इस तरह की लापरवाही कई बार काफी महंगी पड़ सकती है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया तमिलनाडु के मदुरै का।
मदुरै: बाइक पर अक्सर पिछली सीट पर बैठे लोग लापरवाही बरतते हैं और हेलमेट नहीं पहनते। इस तरह की लापरवाही कई बार काफी महंगी पड़ सकती है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया तमिलनाडु के मदुरै का। 2013 में एक 27 साल के युवक को सड़क हादसे में सिर पर काफी चोटें आई थीं जिसके बाद मोटर ऐक्सिडेंट्स ट्राइब्यूनल मदुरै ने सभी तथ्यों की जांच के बाद हादसे में घायल शख्स को 45.5 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति दिए जाने का आदेश दिया था। लेकिन अपनी एक गलती के चलते उसे इस रकम में से 6 लाख गंवाने पड़े। दरअसल ट्राइब्यूनल ने हेलमेट न पहनने के कारण याचिकाकर्ता के मुआवजे की रकम 6 लाख घटाकर 45 लाख से 39.5 लाख रुपए कर दी।
16 जनवरी 2013 एम.विग्नेश्वरन अपने दोस्त के साथ बाइक की पिछली सीट पर बैठकर कही जा रहा था कि अवनियापुरम बाइपास रोड पर दूसरी बाइक ने उनको टक्कर मार दी थी। उसे तब काफी चोटें आई थीं। सिर में चोट लगने के साथ ही विग्नेश्वरन को ब्रेन इंजरी भी हुई थी। हादसे के बाद मदुरै के एक निजी अस्पताल में विग्नेश्वर का तीन महीने तक इलाज चला। इसके अलावा केरल के एक अस्पताल में भी उनका उपचार हुआ। पूरी तरह से ठीक होने के लिए उन्हें फिजियोथेरपी भी करानी पड़ी। जिस बाइक ने टक्कर मारी थी की बीमा कंपनी ने अपने जवाब में कहा था कि हादसे के लिए याचिकाकर्ता और उनके दोस्त जिम्मेदार थे। इंश्योरेंस फर्म ने ट्राइब्यूनल को दलील देते हुए कहा कि बिना कोई इशारा किए उन लोगों ने अपनी बाइक अचानक मोड़ दी जिससे दूसरी बाइक चला रहा शख्स हड़बड़ा गया और टक्कर हो गई।
ट्राइब्यूनल के जज ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और अपने आदेश में कहा कि युवक के सिर पर ज्यादा चोटें लगी थीं, इसका सबसे बड़ा कारण है कि उसने हेलमेट नहीं पहना था। जज ने मद्रास हाई कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि पिछली सीट पर बैठे शख्स के लिए हेलमेट जरूरी है और ऐसे न करने की लापरवाही के कारण युवक को 15 प्रतिशत तक की कम क्षतिपूर्ति दी जाए। जज के इस फैसले के बाद युवक को 6 लाख रुपए गंवाने पड़े।