Lockdown: PM नरेंद्र मोदी के 7 मंत्रों के जवाब में कांग्रेस ने उठाए 7 बड़े सवाल

Edited By shukdev,Updated: 14 Apr, 2020 07:46 PM

7 big questions raised by congress in response to pm modi s 7 mantras

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना वायरस का फैलाव रोकने के लिए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की और सात मंत्रों के पालन पर जोर दिया। कांग्रेस ने उनके मंत्रों पर सात सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ....

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना वायरस का फैलाव रोकने के लिए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की और सात मंत्रों के पालन पर जोर दिया। कांग्रेस ने उनके मंत्रों पर सात सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला की ओर से जारी बयान में कहा गया कि देश लॉकडाउन का समर्थन तो करता है, मगर सरकार बार-बार सिर्फ देशवासियों को जिम्मेदारियों का अहसास ना दिलाए, बल्कि अपनी जिम्मेदारियां भी निभाए।

कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से सात सवाल पूछते हुए इनके जवाब मांगे हैं। पहले सवाल में पूछा गया है कि कोरोना की रोकथाम का एक मात्र रास्ता है टेस्टिंग। एक फरवरी से 13 अप्रैल, 2020 तक यानी 72 दिनों में देश में केवल 2,17,554 कोरोना टेस्ट हुए। औसत 3,021 टेस्ट प्रतिदिन है, टेस्ट कई गुना बढ़ाने की क्या योजना है?

कांग्रेस ने सरकार से यह भी पूछा कि सबसे अगली पंक्ति में काम करने वाले कर्मचारियों को पीपीई (स्वास्थ्य संबंधी किट) और अन्य व्यक्तिगत किट क्यों नहीं मुहैया कराई जा रही हैं और उन प्रवासी मजदूरों पर सरकार की क्या रणनीति है, जो भूख से संघर्ष कर रहे हैं। सुरजेवाला ने सवाल किया, "रबी की लाखों एकड़ फसल खड़ी है, क्योंकि कटाई की कोई व्यवस्था नहीं है। एमएसपी पर फसलों की खरीद के बारे में क्या योजना है और क्या किसानों के प्रति सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है?"

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "कोरोना के आने से पहले से ही देश का युवा अभूतपूर्व बेरोजगारी से जूझ रहा था और अब बेरोजगारी के साथ ही छंटनी होने से नौकरियां जाने की दर विकराल रूप ले रही है। ऐसे में बताइए मोदी जी, आपकी कोविड-19 इकोनॉमिक रिकवरी टास्क फोर्स कहां गायब है? लॉकडाउन के बाद करोड़ों युवा कहां जाएं?"

सुरजेवाला ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ दुकानदार, लघु और मध्यम उद्योग हैं, जो आज चौपट होने के कगार पर हैं। खेती के बाद सबसे अधिक रोजगार इन्हीं क्षेत्रों में है। इसलिए इन्हें वापस पटरी पर लाने व आर्थिक मदद के बारे सरकार का क्या एक्शन प्लान है? कांग्रेस नेता ने कहा कि पूरी दुनिया ने कोरोना से पैदा हुए आर्थिक संकट से पार पाने के लिए करोड़ों-अरबों रुपए के आर्थिक पैकेज लागू किए हैं। इस सूची में आपकी सरकार आखिरी पायदान पर क्यों खड़ी है? नीयत और नीति की ये कमी देश को बहुत भारी पड़ रही है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने देशवासियों के सामने सात मंत्र रखे थे और इन सभी पर अमल करने की अपील की थी। उन्होंने पहली बात में कहा कि अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी अतिरिक्त सुरक्षा करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है। दूसरी बात में उन्होंने कहा कि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें, घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।

पीएम मोदी ने कहा कि अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा, इनका निरंतर सेवन करें। चौथी बात में उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप जरूर डाउनलोड करें और अन्य लोगों को भी इसे डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें। पांचवीं बात में प्रधानमंत्री ने कहा कि जितना हो सके, उतना गरीब परिवार की देखरेख करें और उनके भोजन की जरूरत पूरी करने की कोशिश करें।

उन्होंने छठी बात कही कि अपने व्यवसाय, उद्योगों से जुड़ें लोगों के प्रति संवेदना रखें, उन्हें नौकरी से न निकालें। पीएम मोदी ने सातवीं बात कही कि डॉक्टर, नर्स, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी जैसे लोगों का सम्मान करें, क्योंकि यही लोग कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे खड़े हैं।

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