Edited By ,Updated: 04 May, 2016 03:59 PM
सुप्रीम काेर्ट ने सिगरेट और तंबाकू कंपनियाें काे झटका देते हुए प्रोडक्ट्स के पैकेट्स के 85 फीसदी हिस्से पर वैधानिक चेतावनी छापने का अादेश दिया है।
नई दिल्ली: सुप्रीम काेर्ट ने सिगरेट और तंबाकू कंपनियाें काे झटका देते हुए प्रोडक्ट्स के पैकेट्स के 85 फीसदी हिस्से पर वैधानिक चेतावनी छापने का अादेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाने से इंकार करते हुए कहा कि देशभर की अदालतों में चल रहे सभी 27 मामलों को कर्नाटक हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया जाता है, जिस पर 8 हफ्ते के अंदर निपटारा किया जाएगा।
कंपनियाें की है ये जिम्मेवारी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक कर्नाटक हाईकोर्ट इस मामले का निपटारा कर अपना अंतिम आदेश जारी नहीं कर देती, तब तक सिगरेट निर्माता कंपनियों को केंद्र सरकार की अधिसूचना के तहत सिगरेट पैकेट के 85 फीसदी हिस्से पर वैधानिक चेतावनी देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने टिपण्णी करते हुए कहा, तम्बाकू उत्पाद बनाने वाली कंपनियों की समाज की तरफ कुछ जिम्मेदारी भी है। जितना ज्यादा तम्बाकू उत्पाद के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान को प्रचारित किया जाएगा उतना ही ज्यादा भारतीयों के जीवन को बचाया जा सकता है।
सिर्फ तीन कंपनियां कर रही हैं पालन
गौरतलब है कि अभी तक इस आदेश का पालन केवल तीन कंपनियां ही कर रही थीं। अप्रैल से तंबाकू के सभी प्रोडक्ट्स पर 85 फीसदी साइज की पिक्टोरियल वाॅर्निंग छापना जरूरी हो गया है। सरकार के इस फैसले से सिगरेट बनाने वाली बड़ी कंपनियों में घबराहट है। कई बड़ी कंपनियों ने अपनी सभी यूनिट बंद करने का फैसला किया है। इससे देश में सिगरेट का प्रोडक्शन काफी हद तक बंद हो गया है।