Edited By Seema Sharma,Updated: 30 Oct, 2020 10:32 AM
भारत समेत दुनियाभर के देश गंभीर महामारी कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं। कोरोना वायरस से कब छुटकारा मिलेगा इसको लेकर अभी तक स्पष्ट कुछ नहीं कहा जा सकता और इसकी वैक्सीन कब आएगी इसकी भी जानकारी नहीं है। कोरोना संकट के बीच प्रमुख विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट...
नेशनल डेस्क: भारत समेत दुनियाभर के देश गंभीर महामारी कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं। कोरोना वायरस से कब छुटकारा मिलेगा इसको लेकर अभी तक स्पष्ट कुछ नहीं कहा जा सकता और इसकी वैक्सीन कब आएगी इसकी भी जानकारी नहीं है। कोरोना संकट के बीच प्रमुख विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट सामने आई है जो डराने वाली है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भविष्य में दुनिया और भी कई महामारियों का अनुभव कर सकती है। इन महामारियों में से कुछ तो कोरोना वायरस की तुलना में ज्यादा घातक होंगी और इन पर नियंत्रित करना मुश्किल होगा।
जैव विविधता और महामारी पर ये वैश्विक रिपोर्ट दुनियाभर के 22 प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई है। इस रिपोर्ट को गुरुवार को जारी किया गया। यह जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं (IPBES) पर अंतरसरकारी विज्ञान-नीति प्लेटफॉर्म द्वारा बुलाई गई कार्यशाला का परिणाम है जो प्रकृति के क्षरण और बढ़ती महामारी के जोखिमों के बीच संबंधों पर केंद्रित है। रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा कि जिनको लगता है कि कोरोना इकलौता घातक वायरस है तो वो लोग इस वहम में न रहें क्योंकि प्रकृति में 540,000 - 850,000 अज्ञात वायरस हैं जो लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। इस रिपोर्ट की खास बात है कि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा फ्रेंच गुयाना में मायरो वायरस की बीमारी के फैलने के तीन दिन बाद आई है।
डेंगू के समान लक्षणों के साथ, यह वायरस भी मच्छरों के माध्यम से फैलता है। इबोला, ज़िका, निपाह इन्सेफेलाइटिस, और इन्फ्लूएंजा, HIV / एड्स, Covid-19 जैसी लगभग सभी ज्ञात महामारियों में से अधिकांश (70%) पशु रोगों की उत्पत्ति के रोगाणु हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि स्तनधारी जीवों और पक्षियों में वर्तमान में अनुमानित 1.7 मिलियन अज्ञात वायरस मौजूद हैं। IPBES रिपोर्ट में कहा गया कि वन्यजीवों, पशुओं और लोगों के बीच संपर्क के कारण ये रोगाणु फैल जाते हैं। विशेषज्ञों ने सहमति जताई कि महामारी के युग से बचना संभव है, लेकिन सही प्रतिक्रिया से ही इसकी रोकथाम हो सकती है।