नोटबंदी: 99.3 % पुराने नोट वापस आये, जानिए प्रधानमंत्री मोदी के चार दावों का सच

Edited By shukdev,Updated: 30 Aug, 2018 05:55 AM

21 महीने बाद आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने नोटबंदी को लेकर रिपोर्ट जारी की है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 99.3 प्रतिशत 500 और 1000 के पुराने नोट वापस आ गए हैं। नोटबंदी के वक्त 500 और 1000 के नोट 15.44 लाख करोड़ थे। उनमे से 15.31 लाख करोड़ वापस आ ...

नेशनल डेस्क (मनीष शर्मा): 21 महीने बाद आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने नोटबंदी को लेकर रिपोर्ट जारी की है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 99.3 प्रतिशत 500 और 1000 के पुराने नोट वापस आ गए हैं। नोटबंदी के वक्त 500 और 1000 के नोट 15.44 लाख करोड़ थे। उनमे से 15.31 लाख करोड़ वापस आ चुके हैं। दावा किया गया था कि जो काला धन होगा वो बैंक में नहीं आएगा, वो नष्ट हो जाएगा। सारे दावे बोगस निकले हैं, झूठे निकले हैं।

पहला दावा: जाली नोटों का चलन रुकेगा
नोटबंदी के फायदे गिनाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इससे जाली नोटों का चलन रुकेगा। लेकिन आज भी जाली नोट चलन में हैं। हां उनका रंगरूप बदल गया। 500 और 1000 के नोट छपने की बजाय अब सिर्फ 2000 का नोट छप रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश में नकली नोट छापने वाले सिंडिकेट 2000 के नोट के लिए सिगरेट के कागज़ का इस्तेमाल करने लगे हैं क्योंकि दोनों कागज़ों में ज़्यादा फ़र्क़ नहीं है। जाली नोटों पर कितनी लगाम लगी यह सरकार के खुद के दिए आंकड़ों को देख कर समझ लीजिये। 24 जुलाई 2018 में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने लोकसभा में बताया कि-

  • -साल 2017 में 21.61 करोड़ रुपए के नकली नोट पकड़े गए।
  • -30 जून 2018 तक 5.13 करोड़ के नक़ली नोट पकड़े गए।

दूसरा दावा: आतंकवाद की कमर टूटेगी
नोटबंदी के ऐलान के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इससे सीमा पार आतंकवादियों को दी जाने वाली फंडिंग पर रोक लगेगी और इससे आतंकी हिंसा में कमी आएगी। लेकिन हुआ उससे उल्टा। 21 मार्च 2018 में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्यसभा में जो आंकड़े बताये हैं उससे पता चलता है कि जम्मू कश्मीर में 2016 के मुक़ाबले 2017 में जम्मू-कश्मीर में आतंक संबंधी हिंसा में कोई गिरावट नहीं आई है।

  • 2016 में जम्मू कश्मीर में 322 आतंक संबंधी हिंसा की घटनाएं हुई थीं जो 2017 में यह बढ़कर 342 हो गईं।
  • 2016 में 15 आम नागरिक मारे गए तो 2017 में यह संख्या बढ़ कर 40 हो गई।
  • 2016 में 150 आतंकी मारे गए  तो 2017 में 213 आतंकी मारे गए।
  • 2016 में 82 सेना के जवान शहीद हुए तो 2017 में 80 जवानों को शहादत मिली।

तीसरा दावा: भ्रष्टाचार कम होगा
भ्रष्टाचार पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि कौन ईमानदार नागिरक ऐसा होगा जिसे अफसरों के घर बिस्तर के नीचे से, या जगह जगह बोरियों में करोड़ों रुपये पाए जाने की खबर से पीड़ा न होती हो? सचमुच, ईमानदार नागरिक को तकलीफ होती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या नोटबंदी से भ्रष्टाचार कम हुआ है। जवाब है, नहीं। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक़ 2017 में भारत का करप्शन में रैंक 81वां है। 2016 में भारत की पोजीशन बेहतर थी, भारत का रैंक 79 था। 18 जुलाई 2018 में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंदर सिंह ने लोक सभा ने माना:

  • जनवरी से जून 2018 तक सीबीआई ने भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के खिलाफ 314 केस दर्ज़ किए।
  • 2017 में सीबीआई ने 632, 2018 में 673 और 2015 में 617 करप्शन के केस दर्ज़ किए।


चौथा दावा: काले धन पर लगाम लगेगी
काले धन के विषय पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया था कि उनकी सरकार काले धन को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाएगी।कहते हैं न, चैरिटी बिगिन्स फ्रॉम होम मतलब शुरुआत खुद से करनी चाहिए। भारत में सबसे ज़्यादा काला धन का इस्तेमाल राजनीतिक दलों के चंदे के रूप में किया जाता है। उसपर लगाम क्या लगानी थी उल्टा उसके लिए कानून में ही फेरबदल कर दिया।

इस साल 14 मार्च को मोदी सरकार ने बिना बहस के संसद में फॉरेन कंट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट, 2010 में संशोधन पास करवा लिया जिस के तहत राजनीतिक दलों को विदेशों से प्राप्त धन की जांच अब कोई भी एजेंसी नहीं कर सकेगी। इस विधेयक को मनी बिल के तहत लाया गया ताकि राज्य सभा को बाईपास किया जा सके। इस साल जुलाई में वित्त मंत्रालय ने सूचना का अधिकार के तहत भारत और विदेशों में भारतीयों के काले धन की जानकारी देने से मना कर दिया है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक :

  • :इससे संसद के विशेषाधिकार का हनन होगा।
  • :काले धन से जुड़ी रिपोर्ट पिछले साल 21 जुलाई को संसद की स्थाई समिति के पास भेज दी गई। 
  • :रिपोर्ट को साझा नहीं किया जा सकता है।

नोटबंदी के कारण लाखों लोगों के काम छिन गए। बेरोज़गारी बढ़ गई है। बुरे वक़्त के लिए घरों की महिलाओं ने सालों से जो रकम जोड़ रखी थी वो हवा हो चुकी है। छोटे और मंझोले उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। सबसे ज़्यादा नुक्सान मध्यमवर्ग को उठाना पड़ा है। उनपर आंकड़े फिर कभी, आज बस इतना ही।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!