Edited By Seema Sharma,Updated: 16 Sep, 2019 03:45 PM
हिंदी भाषा पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर राजनीतिक गलियारे में घमासान जारी है। शाह के हिंदी भाषा पर दिए बयान को लेकर सबसे ज्यादा विरोध के स्वर दक्षिण भारत से उठ रहे हैं। साउथ सुपरस्टार और राजनेता कमल हासन ने इस मामले में ट्वीट किया
नेशनल डेस्कः हिंदी भाषा पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर राजनीतिक गलियारे में घमासान जारी है। शाह के हिंदी भाषा पर दिए बयान को लेकर सबसे ज्यादा विरोध के स्वर दक्षिण भारत से उठ रहे हैं। साउथ सुपरस्टार और राजनेता कमल हासन ने इस मामले में ट्वीट किया है। हासन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया कि देश में एक भाषा को थोपा नहीं जा सकता है और अगर ऐसा होता है तो इसपर बड़ा आंदोलन होगा। हासन ने ट्वीट किया कि कोई शाह, सुल्तान या सम्राट अचानक वादा नहीं तोड़ सकता है। 1950 में जब भारत गणतंत्र बना तो ये वादा किया गया था कि हर क्षेत्र की भाषा और कल्चर का सम्मान किया जाएगा और उन्हें सुरक्षित रखा जाएगा।
हासन ने वीडियो में कहा कि कई राजाओं ने अपना राजपाठ देश की एकता के लिए न्योछावर कर दिया लेकिन लोग अपनी भाषा, कल्चर और पहचान को खोना नहीं चाहते। भारत एक ऐसा देश है जहां लोग एक साथ बैठकर खाते हैं, किसी पर कुछ थोपा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि तमिल को लंबे समय तक जीने दो, देश को समृद्ध होने दो। हासन ने कहा कि केंद्र को कोई भी नया कानून लाने से पहले आम लोगों से बात जरूर करनी चाहिए। हासन ने कहा कि जलीकट्टू के लिए जो हुआ वह सिर्फ एक प्रदर्शन था लेकिन भाषा को बचाने के लिए जो होगा वह इससे बड़ा होगा।
वहीं राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी हासन को ट्वीट के जरिए जवाब दिया कि वे लोग हिंदी थोपने की बात कर रहे हैं लेकिन तमिलनाडु में हिंदी न पढ़ाने को लेकर क्या कहेंगे? स्वामी ने कहा कि हिंदी को भी तमिलनाडु में ऑप्शनल भाषा बनने देना चाहिए। बता दें कि शाह ने हिंदी दिवस पर कहा था कि हमारे यहां अनेकों भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन एक ऐसी भाषा होनी चाहिए जो दुनिया में देश का नाम बुलंद करे और इसकी पहचान को आगे बढ़ाए और हिंदी में ये सभी खूबियां हैं। शाह के इसी बयान को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शाह के बयान की आलोचना की और कहा कि उन पर जबरदस्ती कोई भाषा थोपी जाएगी तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।