Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Jan, 2020 04:24 PM
बच्चे परेशानी और दुख में हों तो मां से यह नहीं देखा जाता। बच्चों को हर मुसीबत से बचाने के लिए एक मां सबकुछ कर सकती है। तमिलनाडु के शहर सलेम का एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर शख्स का दिल उस मां को सलाम कर रहा है। सलेम में रहने वाली प्रेमा...
नेशनल डेस्कः बच्चे परेशानी और दुख में हों तो मां से यह नहीं देखा जाता। बच्चों को हर मुसीबत से बचाने के लिए एक मां सबकुछ कर सकती है। तमिलनाडु के शहर सलेम का एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर शख्स का दिल उस मां को सलाम कर रहा है। सलेम में रहने वाली प्रेमा (31) से अपने बच्चे बिलखते हुए देखे नहीं गए। पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे क्योंकि कर्ज वो लेना नहीं चाहती थी। बच्चों का पेट भरने के लिए जब प्रेमा को कुछ नहीं सूझा तो उसने अपने बाल बेचकर 150 रुपए कमाए और बच्चों का पेट भरा। उसने सोचा था कि वह बच्चों की भूख मिटाकर खुद आत्महत्या कर लेगी तभी कुछ ऐसा हुआ कि उसकी जिंदगी बदल गई। 3 जनवरी को प्रेमा के घर में खाने को कुछ नहीं था और न ही उसके पास पैसे थे कि वो कुछ बाजार से खरीद कर ला पाती। प्रेमा के पांच, तीन और दो साल के बच्चों को भूख से तड़प रहे थे, उसने अपने जानने वालों से उधार मांगा लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की।
खुदकुशी की ठानी
प्रेमा को समझ नहीं आ रहा था कि वो कैसे अपने बच्चों का पेट भरे तभी वहां से गुजर रहे शख्स ने उसे बताया कि वो विग बनाने का काम करता है। अगर वो अपने बाल उसे दे दे तो वह उसे कुछ पैसे दे सकता है। प्रेमा ने बिना एक पल गंवाए अपना सिर मूंडकर बाल उस शख्स को दिए जिसके बदले में प्रेमा को 150 रुपए मिले। प्रेमा ने 100 रुपए से खाना खरीदा और 50 रुपए का वो जहरीला कीटनाशक खरीदने चली गई। उसने सोचा कि बच्चों को खाना खिलाने के बाद वो खुद खुदकुशी कर लेगी। दुकानदान को उस पर शक हुआ तो उसने कीटनाशक देेने से मना कर दिया। इसके बाद महिला ने घर आकर एक पौधे के जहरीले बीज खाने की कोशिश की लेकिन उसकी बहन ने उसे रोक लिया।
बदल गई जिंदगी
ग्राफिक डिजाइनर जी बाला को जब प्रेमा की परेशानियों के बारे में पता चला तो उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रेमा के लिए क्राउड फंडिंग के जरिए मदद मांगी। इसके बाद कई लोग प्रेमा की मदद को आगे आए। बाला और अन्य लोगों की मदद से प्रेमा के पास लगभग 1.45 लाख रुपए जमा हो गए हैं। गुरुवार को सलेम के जिला प्रशासन ने भी उसकी मासिक विधवा पेंशन भी शुरू कर दी। इतना ही नहीं बाला के दोस्त प्रभु ने भी प्रेमा को अपने ईंट भट्टे में काम दे दिया है।
पति ने भी की थी आत्महत्या
प्रेमा और उसका पति दिहाड़ी मजदूर के रूप में एक ईंट भट्टे पर काम करते थे। प्रेमा का पति अपना बिजनैस करना चाहता था इसलिए उसने लगभग 2.5 लाख रुपए उधार ले लिए। लेकिन उसे व्यापार में धोखा मिला। जिससे परिवार में खाने तक के भी लाले पड़ गए। परेशान होकर प्रेमा के पति ने सुसाइड कर लिया। पति की मौत के बाद घर के हालात और खराब हो गए।
वहीं प्रेमा ने बाला और उन सभी का शुक्रिया किया जो उसकी मदद को आगे आए। प्रेमा ने कहा कि वो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहती है ताकि वो इस गरीबी में न रहें। वहीं उसने कहा कि मैं फिर कभी आत्महत्या के बारे में सोचूंगी भी नहीं और अब अपने बच्चों का भविष्य बनाऊंगी।