Edited By ,Updated: 10 Apr, 2017 02:13 PM
डाक्टर को धरती पर भगवान की तरह माना जाता है। डाक्टर से यह उम्मीद लगाई जाती है वह अपना फर्ज निभाते हुए लोगों की जिंदगी बचाएंगे।
नागपुर: डाक्टर को धरती पर भगवान की तरह माना जाता है। डाक्टर से यह उम्मीद लगाई जाती है वह अपना फर्ज निभाते हुए लोगों की जिंदगी बचाएंगे। एमबीबीएस के एक फाइनल ईयर के स्टूडेंट ने भी कुछ ऐसा ही किया। स्टूडेंट ने ट्रेन के अंदर एक प्रेग्नेंट महिला की डिलीवरी कराने में मदद की। हैरान करने वाली बात यह है कि स्टूडेंट ने व्हॉट्सऐप की मदद से यह काम किया। उसने सीनियर्स से मदद और मैसेजिंग ऐप पर मिली निर्देशों को फॉलो करके महिला का सफलतापूर्वक प्रसव कराया। एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाला विपिन को ट्रेन में सफर के दौरान महिला के प्रसव पीड़ा की जानकारी हुई, जिसके बाद उसने डिलीवरी करवाई।
व्हॉट्सऐप पर ली सीनियर्स की मदद
महिला ने एक लड़के को जन्म दिया। विपिन ने बताया कि ट्रेन नागपुर स्टेशन से करीब 30 किलोमीटर दूर थी, महिला के रिश्तेदारों ने चेन पुलिंग करके गाड़ी को रोका। जिसके बाद टिकट कलेक्टर और गार्ड ट्रेन में डाक्टर को ढूंढने लगे। ट्रेन में कोई अनुभवी डाक्टर न मिलने पर उसने महिला की मदद की। महिला के कम्पार्टमेंट से लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो गए और महिला यात्रियों ने ट्रेन को एक अस्थायी डिलीवरी रूम में परिवर्तित किया। जब वह डिलीवरी के लिए पहुंचा तो देखा महिला दर्द से चिल्ला रही थी और खून बह रहा था।
डिलीवरी में सबसे बड़ी समस्या यह था कि बच्चा सिर की तरफ से बाहर आने की जगह कंधे से बाहर आ रहा था। विपिन ने बताया कि उन्होंने एक तस्वीर खींचकर सीनियर डाक्टरों के एक ग्रुप पर डाली। जिसके बाद एक सीनियर महिला डाक्टर ने प्रसव कराने में मेरी मदद की। रिपोर्ट के मुताबिक ऑपरेशन के बाद मां और बच्चा दोनों ठीक है।