Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Apr, 2018 07:37 PM
उच्चतम न्यायालय ने ‘आधार’ के तहत दर्ज जानकारी के सुरक्षित होने को लेकर गंभीर सवाल खड़ा करते हुए मंगलवार को कहा कि आधार का डाटा लीक होने से चुनाव के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। मुय न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने...
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने ‘आधार’ के तहत दर्ज जानकारी के सुरक्षित होने को लेकर गंभीर सवाल खड़ा करते हुए मंगलवार को कहा कि आधार का डाटा लीक होने से चुनाव के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। मुय न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने देश में डाटा सुरक्षा कानून न होने को लेकर सवाल उठाया। पीठ ने कहा कि जब देश में डाटा सुरक्षा कानून नहीं है तो ऐसे में यह कहना कि लोगों का डाटा सुरक्षित है, कहां तक उचित है।
न्यायालय ने सुनवाई के दौरान आधार डाटा के चुनाव में इस्तेमाल पर चिंता जताई। संविधान पीठ के एक सदस्य न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये वास्तविक आशंका है कि उपलध आंकड़े किसी देश के चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं और यदि ऐसा होता है क्या लोकतंत्र बच पाएगा। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के वकील ने दलील दी कि प्रौद्योगिकी का विकास हो रहा है और भारत के पास तकनीकी विकास की अपनी सीमाएं हैं।
इस पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड ने कहा, ज्ञान की सीमाओं के कारण हम वास्तविकता के बारे में आंख मूंदे नहीं रह सकते हैं, क्योंकि हम कानून को लागू करने जा रहे हैं जो भविष्य को प्रभावित करेगा। यूआईडीएआई की ओर से कहा गया है कि आधार के तहत डाटा का संग्रह कोई परमाणु बम नहीं है। इस तरह का डर याचिकाकर्ताओं की तरफ से फैलाया हुआ डर मात्र है।