Edited By Seema Sharma,Updated: 02 Aug, 2019 09:50 PM
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने सभी एयरलाइन प्रतिनिधि की आपात बैठक बुलाई है। AAI के प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर हवाई अड्डे के निदेशक ने जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा जारी सुरक्षा एडवाइजरी के बाद विशेष हवाई अड्डा...
श्रीनगरः भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने सभी एयरलाइन प्रतिनिधि की आपात बैठक बुलाई है। AAI के प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर हवाई अड्डे के निदेशक ने जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा जारी सुरक्षा एडवाइजरी के बाद विशेष हवाई अड्डा समिति की बैठक बुलाई है।
सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले को लेकर अलर्ट जारी किया है। सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्य़टकों को जल्द से जल्द कश्मीर से चले जाने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। आतंकी हमले की आशंका के चलते अमरनाथ यात्रा की अवधि भी कम कर दी गई है। फिलहाल अमरनाथ यात्रा रोक दी गई है और श्रद्धालुओं को घाटी से जाने को कहा गया है। साथ ही जो पर्यटक कश्मीर आ रहे हैं उनको भी आने से मना कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार जैश के पांच आतंकियों ने घाटी में घुसपैठ की है।
शुक्रवार को प्रैस कॉन्फ्रेस करके जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती पर राज्य पुलिस के डीजी दिलबाग सिंह ने कहा कि हमें इनपुट मिले हैं कि घाटी में आतंकी बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं, इसलिए हमने ग्राउंड पर ग्रिड को मजबूत करने की कोशिश की है। उन्होंने बताया कि अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकियों ने घाटी का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी। आतंकियों के पास से एम-24 स्नाइपर राइफल बरामद की गई थी। डीजी दिलबाग ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के रूट पर आतंकियों के पास से एम-24 स्नाइपर राइफल बरामद की गई थी। बता दें कि अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त तक चलनी थी लेकिन उससे पहले ही इसे रोकने के लिए कहा गया है।
कश्मीर में सुरक्षाबलों की 280 से अधिक कंपनियां तैनात
कश्मीर में सुरक्षाबलों की 280 से अधिक कंपनियां तैनात की जा रही हैं। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि सुरक्षाबलों को शहर के अतिसंवेदनशील इलाकों तथा घाटी की अन्य जगहों पर तैनात किया जा रहा है। इनमें अधिकतर सीआरपीएफ कर्मी हैं। सूत्रों ने कहा कि इस तरह अचानक 280 से अधिक कंपनियों (28,000 सुरक्षा कर्मियों) को देर शाम तैनात किये जाने का कोई कारण नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि शहर में प्रवेश और बाहर निकलने के सभी रास्तों को केन्द्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को सौंप दिया गया है। स्थानीय पुलिस की महज प्रतीकात्मक उपस्थिति है। स्थानीय निवासी घबराए हुए हैं और उन्होंने जरूरी सामान खरीदना शुरू कर दिया है। बता दें कि अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त तक चलनी थी लेकिन उससे पहले ही इसे रोकने के लिए कहा गया है।