राफेल सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची ‘AAP’, फैसले की समीक्षा की मांग

Edited By Yaspal,Updated: 14 Jan, 2019 08:27 PM

aap  reached supreme court on rafael deal

आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने उच्चतम न्यायालय से राफेल सौदे पर अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग करते हुए सोमवार को उसका दरवाजा खटखटा...

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने उच्चतम न्यायालय से राफेल सौदे पर अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग करते हुए सोमवार को उसका दरवाजा खटखटाया। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूॢत रंजन गोगोई की पीठ ने इस सौदे को चुनौती देने वाली चार याचिकाएं 14 दिसंबर को खारिज कर दी थीं और कहा था कि राफेल सौदे से जुड़ी निर्णय प्रक्रिया पर संदेह करने लायक कुछ नहीं है और ऐसे में उसे (सौदे को) खारिज करने की जरुरत भी नहीं है।

आप नेता ने खुली अदालत में सुनवाई की मांग की
आप के राज्यसभा सदस्य ने इस फैसले की समीक्षा करने की मांग के अलावा उनकी समीक्षा याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई करने तथा इस लड़ाकू विमान के दाम को साझा करने के विषय पर अदालत को कथित रूप से गुमराह करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की भी मांग की है। सिंह ने वकीलों-- धीरज कुमार सिंह और मृणाल कुमार के माध्यम से समीक्षा याचिका दायर की है।

सीलबंद लिफाफे पर उठाए सवाल
इस याचिका में कहा गया है, ‘‘यह फैसला प्रतिवादी संख्या एक और दो (केंद्र और रक्षा मंत्रालय) द्वारा अदालत के समक्ष सीलबंद लिफाफे में बिना हस्ताक्षर के दिये गये नोट में किये गये गलत दावे पर आधारित है। यह नोट याचिकाकर्ता को नहीं दिखाया गया जो नैर्सिगक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है।’’ उसमें कहा गया है, ‘‘इस अदालत के समक्ष प्रतिवादी (रक्षा मंत्रालय) की प्रामाणिकता स्थापित करने के लिए उसे सोद्देश्यपूर्ण तरीके से गुमराह किया गया और उसे मूल्य निर्धारण का विवरण कैग के साथ और कैग की कथित रिपोर्ट पीएसी से साझा किये जाने का विश्वास दिलाया गया। यह तथ्यात्मक रूप से बिल्कुल गलत है। सभी संबंधित अधिकारियों ने मूल्य साझा करने की बात से बिल्कुल इनकार किया है।’’

एसआईटी जांच के अनुरोद पर नहीं किया गया गौर
सिंह की याचिका में कहा गया है कि अदालत ने उसकी निगरानी में एसआईटी जांच के अनुरोध पर विचार तक नहीं किया था और यह कहते हुए उसका निस्तारण कर दिया था कि व्यक्तियों की धारणा किसी असंबद्ध जांच का आधार नहीं हो सकती।

सिंह के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री-- यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा कार्यकर्ता एवं वकील प्रशांत भूषण सीबीआई को इस सौदे में कथित अनियमितताओं को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने करने का निर्देश देने की मांग को लेकर शीर्ष अदालत पहुंचे थे। वकील एम एल शर्मा और विनीत ढांढा ने भी राफेल सौदे के खिलाफ अलग से याचिका दायर की थी। शीर्ष अदालत ने सारी अर्जियां खारिज कर दी थीं। सिन्हा, शौरी और भूषण पहले ही समीक्षा याचिका दायर कर चुके हैं।

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