AAP ने महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में अभी नहीं लिया कोई फैसला

Edited By Seema Sharma,Updated: 21 Jan, 2019 02:13 PM

aap has not taken any decision on contesting lok sabha elections in maharashtra

आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को कहा कि उसने महाराष्ट्र में आगामी लोकसभा चुनाव लडऩे के बारे में ‘‘फिलहाल’’ फैसला नहीं किया है। आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रीति शर्मा मेनन ने सोमवार को कहा कि पार्टी चार राज्यों दिल्ली, पंजाब, हरियाणा

मुंबई: आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को कहा कि उसने महाराष्ट्र में आगामी लोकसभा चुनाव लडऩे के बारे में ‘‘फिलहाल’’ फैसला नहीं किया है। आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रीति शर्मा मेनन ने सोमवार को कहा कि पार्टी चार राज्यों दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और गोवा में लोकसभा चुनाव लड़ेगी लेकिन उसने महाराष्ट्र में अभी तक चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल हम लोग महाराष्ट्र में किसी सीट पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। अगर हमें लगा कि इससे भाजपा को हराने में मदद मिलेगी तो पार्टी कुछ सीटों पर विचार कर सकती है। मेनन ने कहा कि पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के चंगुल से लोकतंत्र को बचाना चाहती है, इसलिए जिन सीटों पर हमें लगा कि उन्हें हराया जा सकता है तो वहां हम अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे। हालांकि आप के पूर्व नेता मयंक गांधी ने कहा कि यह फैसला दिखाता है कि पार्टी महाराष्ट्र में मृतप्राय है। लोकसभा सीटों के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र का स्थान दूसरा है।

महाराष्ट्र में 48 जबकि उत्तर प्रदेश में 80 संसदीय क्षेत्र हैं। उन्होंने दावा किया कि कार्यकर्त्ताओं के कहने पर सबसे खराब नेतृत्व को प्रोत्साहित किया गया और इसने आप के मूल चरित्र और आत्मा को नष्ट कर दिया। पार्टी में अब सिर्फ खुदगर्ज लोग बचे रह गए हैं। मयंक गांधी ने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी महाराष्ट्र में चुनाव लड़ती है तो उसे कुछ हजार मत भी नहीं मिल सकते और वह उपहास का पात्र बन जाएगी। आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार है। उल्लेखनीय है कि 2014 के आम चुनाव में राज्य में पार्टी को एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी।

असंतुष्ट आप नेता रवि श्रीवास्तव ने कहा कि महाराष्ट्र में पार्टी की स्थिति थोड़ी कमजोर है इसलिए राज्य में लोकसभा चुनाव नहीं लडऩा पार्टी के लिए एक समझदारी भरा फैसला है। उन्होंने कहा कि हिंदी पट्टी के राज्यों में हालिया विधानसभा चुनावों में आप की हालत बेहद खराब रही। उसे नोटा (इनमें से कोई नहीं) के पक्ष में पड़े मतों से भी कम मत मिले। पार्टी दिल्ली से बाहर अपने पांव जमाने में बुरी तरह से नाकाम रही है और इसके सांसद एवं विधायक भी पार्टी छोड़ रहे हैं। इसलिए यह एक समझदारी भरा फैसला है। चूंकि पिछले दो साल से आप को महाराष्ट्र में नाकामयाबी हाथ लगी है जबकि मयंक गांधी एवं अंजलि दमानिया जैसे इसके नामी नेता पार्टी भी छोड़ गए। इसकी प्रदेश कार्यकारी समिति भी कुछ समय पहले भंग कर दी गई थी।

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