Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 07:32 PM
राजस्थान के जयपुर में एक कॉलेज के युवा दल द्वारा ऐसा एप तैयार किया जा रहा है जो रेल पटरियों के क्रेक ढूंढकर रेल दुर्घटना से बचा सकता हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार उदयपुर में आयोजित दो दिवसीय डिजिफेस्ट में आए जयपुर के जेईसीआरसी कॉलेज के युवा भुवनेश...
जयपुर : राजस्थान के जयपुर में एक कॉलेज के युवा दल द्वारा ऐसा एप तैयार किया जा रहा है जो रेल पटरियों के क्रेक ढूंढकर रेल दुर्घटना से बचा सकता हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार उदयपुर में आयोजित दो दिवसीय डिजिफेस्ट में आए जयपुर के जेईसीआरसी कॉलेज के युवा भुवनेश प्रताप सिंह एवं दल के अन्य सदस्यों ने यह दावा किया हैं।
दल ने बताया कि देश में तेरह हजार ट्रेनें हैं और रेल पटरियों के क्रेक से दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वर्तमान में इलेक्ट्रोनिक सर्किट से ट्रेक तैयार करने के लिए लगभग एक लाख करोड़ रुपयों का खर्च प्रस्तावित है परंतु यदि देशभर की सभी ट्रेनों में यदि उनके द्वारा तैयार किया गया एप और हार्डवेयर लगाया जाए तो इस पर मात्र 130 करोड़ रुपया खर्च आएगा।
यह दल ट्रेन की पटरियों पर क्रेक खोजने वाला मॉडल तैयार कर रही है। यह मॉडल रेडियो फ्रिकवेंसी पर काम करेगा और यह पटरियों में आने वाली बाधा या दुर्घटना के अंदेशों को भांपकर रेलगाड़ी को सौ से 500 मीटर पहले रोक देगा। भुवनेश ने बताया कि रेडियो फ्रिकवेंसी पर आधारित हार्डवेयर को आईओटी एप्लीकेशन से जोड़कर उस स्थान पर भी काम किया जा सकता है जहां इंटरनेट सुविधा उपलध नहीं है।