Edited By shukdev,Updated: 15 Sep, 2019 07:43 PM
नगर और इसके आसपास के क्षेत्रों में करीब दो दर्जन आतंकवादी मौजूद हैं और कुछ इलाकों में वे दुकानदारों को खुलेआम धमकी दे रहे हैं जिसको लेकर सुरक्षा बलों में काफी चिंता है। अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षा बल हर तरह से एहतियात बरत रहे हैं ताकि सुनिश्चित...
श्रीनगर: नगर और इसके आसपास के क्षेत्रों में करीब दो दर्जन आतंकवादी मौजूद हैं और कुछ इलाकों में वे दुकानदारों को खुलेआम धमकी दे रहे हैं जिसको लेकर सुरक्षा बलों में काफी चिंता है। अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षा बल हर तरह से एहतियात बरत रहे हैं ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि आतंकवादी स्थिति का इस्तेमाल लोगों को भड़काने में नहीं कर सकें क्योंकि पहले भी आतंकवाद निरोधक अभियानों के दौरान युवक पथराव की घटनाओं में संलिप्त रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में पांच अगस्त को बांटने की घोषणा करने के बाद सरकार द्वारा लगाई गई कई पाबंदियां के बाद केवल छिटपुट घटनाएं ही सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि पाबंदियां धीरे- धीरे हटाई जा रही हैं लेकिन कश्मीर घाटी में स्थिति ‘सामान्य से कहीं दूर' नजर आती है खासकर आतंकवादियों की मौजूदगी को देखते हुए।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के बाहरी इलाकों में कई स्थानों पर आतंकवादियों को खुलेआम घूमते देखा गया और वे दुकानदारों को दुकानें बंद रखने और उनका आदेश मानने की धमकी भी दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रमुख दिलबाग सिंह ने आतंकवादियों की मौजूदगी की संभावना से इंकार नहीं किया लेकिन कहा कि यह दावा करना कि वे खुलेआम घूम रहे हैं ‘अतिशयोक्ति' है। राज्य के साथ ही केंद्र के कई अधिकारियों से बातचीत के बाद अनुमान है कि करीब दो दर्जन आतंकवादी नगर की सीमा में मौजूद हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी आवाजाही एवं उनका देखा जाना आम बात है।
अधिकारियों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि जम्मू-कश्मीर पर सरकार ने पांच अगस्त को जब अपने निर्णय की घोषणा की तब से आतंकवाद निरोधक अभियान बुरी तरह प्रभावित है। पांच अगस्त के बाद केवल दो अभियान हुए हैं -20 अगस्त को बारामूला में और नौ सितम्बर को दूसरा मुठभेड़ सोपोर में। आतंकवादियों ने अंचार झील और सौरा के आसपास के इलाकों सहित नगर के कुछ हिस्सों में आवाजाही रोक रखी है। अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि अभी तक किसी नागरिक की मौत नहीं हुई है और उनको आशंका है कि किसी भी कठोर कार्रवाई से हिंसक प्रदर्शन भड़क जाएगा।
अधिकारियों का मानना है कि आतंकवादियों ने ‘गहरा षड्यंत्र' रच रखा है क्योंकि उनकी ‘भारी मौजूदगी' के बावजूद हिंसा के स्तर में कमी आई है। नगर के राज बाग, जवाहर नगर और लाल चौक सहित कई इलाकों में दुकानदारों को बंदूक का भय दिखाकर दुकानें बंद रखने के लिए कहा गया और पूरी तरह हड़ताल सुनिश्चित की गई। अधिकारियों ने कहा कि दुकानदारों और कुछ मीडिया संगठनों को अपने आसपास के सीसीटीवी कैमरे बंद रखने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद प्रभावित शोपियां में आतंकवादियों ने ऑटोमोबाइल के एक वर्कशॉप को जला दिया जहां शनिवार को वाहनों की मरम्मत हो रही थी।