Hindenburg की रिपोर्ट से भी बड़ा झटका: गौतम अडानी के खिलाफ 250 मिलियन डॉलर रिश्वत का आरोप

Edited By Anu Malhotra,Updated: 22 Nov, 2024 09:57 AM

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अडानी ग्रुप के संस्थापक और अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। अमेरिकी ब्रुकलिन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में उनके खिलाफ घूसखोरी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा जनवरी 2023 में लगाए गए वित्तीय...

नेशनल डेस्क:  अडानी ग्रुप के संस्थापक और अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। अमेरिकी ब्रुकलिन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में उनके खिलाफ घूसखोरी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा जनवरी 2023 में लगाए गए वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के करीब 22 महीने बाद, यह मामला अडानी समूह के लिए एक और बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।

अमेरिकी कोर्ट के आरोप और वारंट जारी

ब्रुकलिन की संघीय अदालत में गौतम अडानी और उनके ग्रुप के कुछ अधिकारियों पर सरकारी अधिकारियों को घूस देने, प्रतिभूति और वायर धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों में दावा किया गया है कि भारतीय सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत दी गई, जिससे 2 बिलियन डॉलर से अधिक के अनुबंध हासिल किए गए।

एफबीआई ने इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाई है और भ्रष्टाचार की जड़ों को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया है। एफबीआई ने बयान जारी कर कहा कि "ऐसे भ्रष्टाचार जो निष्पक्ष बाजार प्रणाली को कमजोर करते हैं, उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

सौर ऊर्जा परियोजनाओं में अनियमितताएं

आरोपों के अनुसार, अडानी ग्रुप ने अनैतिक तरीके से सौर ऊर्जा परियोजनाओं के अनुबंध हासिल किए। आंध्र प्रदेश सहित कई भारतीय राज्यों ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा खरीद समझौते किए, जिनमें सात गीगावाट सौर ऊर्जा की खरीद शामिल थी।

हिंडनबर्ग के आरोपों से शुरू हुआ विवाद

जनवरी 2023 में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर शेयर वैल्यूएशन में गड़बड़ी और वित्तीय फर्जीवाड़े के आरोप लगाए थे। ताजा मामले में, आरोप इससे भी अधिक गंभीर हैं। दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप ने सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर अनुबंध हासिल किए और निवेशकों को गुमराह किया।

अडानी समूह का पलटवार

अडानी समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये आरोप "आधारहीन और बेबुनियाद" हैं। समूह के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इन आरोपों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगी और सच्चाई को सामने लाएगी।

भारतीय राजनीति में बवाल

इस विवाद ने भारतीय राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने गौतम अडानी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा, "यह देश की अर्थव्यवस्था और न्याय प्रणाली के लिए कड़ी परीक्षा का समय है।"

अगली सुनवाई और प्रभाव

अडानी ग्रुप के खिलाफ यह मामला न केवल उनकी वैश्विक साख को चुनौती देता है, बल्कि भारतीय ऊर्जा और वित्तीय क्षेत्रों में उनके विस्तार के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है। आगामी दिनों में कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।

 

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