Edited By Seema Sharma,Updated: 06 Jun, 2022 10:51 AM
बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा को लेकर सभी तैयारियां जोरों पर हैं, साथ ही सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई है।
नेशनल डेस्क: बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा को लेकर सभी तैयारियां जोरों पर हैं, साथ ही सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई है। सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर में ‘स्टिकी बम’ (किसी सतह पर चिपकने वाले बम) को लेकर चिंतित हैं। कुछ आतंकवादी समूहों के पास ऐसे बम होने की संभावना है। ‘स्टिकी बम’ वाहनों की सतह पर चिपक जाते हैं, और इनके जरिए दूर से विस्फोट किया जा सकता है।
सैन्य अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार आतंकवादियों और उनके हमदर्दों से पूछताछ व अन्य सबूतों से पता चलता है कि कुछ ‘स्टिकी बम’ बरामद किए गए हैं, लेकिन कश्मीर घाटी में मौजूद आतंकवादी समूहों के पास ऐसे बम हो सकते हैं। सुरक्षा बलों ने अब नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है, खासकर 30 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए। इस बार संभावना जताई जा रही है कि लगभग तीन लाख तीर्थयात्री अमरनाथ की यात्रा कर सकते हैं। अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त तक चलेगी। अधिकारियों ने बताया कि यह फैसला किया गया है कि तीर्थयात्रियों और सुरक्षा बलों के वाहनों को आवाजाही के दौरान एकांत में रखा जाएगा।
सुरक्षा बलों के साथ-साथ तीर्थयात्रा का प्रबंधन करने वालों को भी निर्देश जारी किए गए हैं कि वे वाहनों को लावारिस न छोड़ें। पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) विजय कुमार ने कहा कि सुरक्षा बल के जवान सतर्क हैं और पर्याप्त सावधानी बरत रहे हैं। भारत में पहली बार ‘स्टिकी बम’ का इस्तेमाल संदिग्ध ईरानी आतंकवादियों द्वारा किया गया था, जिन्होंने फरवरी 2012 में एक इजरायली राजनयिक के वाहन को निशाना बनाया था, इस हमले में उनकी पत्नी को चोट लगी थी।