Edited By ,Updated: 01 Dec, 2016 09:02 AM
चंडीगढ़ को कैशलैस सिटी बनाए जाने के बारे में अभी तक जो कयास लगाए जा रहे थे, उनमें प्रशासन ही अपनी स्थिति को स्पष्ट नहीं कर पाया है।
चंडीगढ़ (विजय) : चंडीगढ़ को कैशलैस सिटी बनाए जाने के बारे में अभी तक जो कयास लगाए जा रहे थे, उनमें प्रशासन ही अपनी स्थिति को स्पष्ट नहीं कर पाया है। प्रशासन द्वारा चंडीगढ़ को कैशलैस सिटी तो बनाया जाएगा लेकिन यह व्यवस्था किस तरह काम करेगी इस पर अलग-अलग विभाग अपने ही नियम अपना रहे हैं। एक तरफ जहां गृह सचिव अनुराग अग्रवाल ने बुधवार को कांसैप्ट को स्पष्ट करते हुए बताया कि किसी भी सिटीजन को कैशलैस सिस्टम से परेशानी नहीं होगी। इस सिस्टम के तहत केवल ट्रांजैक्शन को बेहतर बनाना है।
इससे कालाबाजारी पर नकेल कसी जाएगी। यही वजह है कि यह सिस्टम पूरी तरह से ऑप्शनल रखा गया है। वहीं, दूसरी ओर शाम होने तक चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड (सी.एच.बी.) के चेयरमैन मनिंदर सिंह की ओर से प्रेस नोट जारी किया गया। इस प्रेस नोट में कहा गया कि दिसम्बर से कोई भी ट्रांजैक्शन कैश नहीं ली जाएगी। इसके लिए कैशलेस सिस्टम को ही अपनाना होगा। बोर्ड ने इस पूरे सिस्टम को अनिवार्य कर दिया है। यानि प्रशासन के अधिकारी खुद इस कांसैप्ट पर एकमत नहीं है। इससे आने वाले दिनों में शहर के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
सरकारी विभागों पर भी ली जाएगी करंसी
गृह सचिव ने कहा कि कैशलेस कांसैप्ट के तहत सरकारी विभागों को भी लाया जाएगा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं हे के करंसी को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया जाएगा। पहले की ही तरह सरकारी विभागों में किसी भी सर्विस के बदले में करंसी को भी लिया जाएगा। अग्रवाल ने बताया कि यह इस कांसैप्ट के तहत केवल कैशलेस को प्रोमोट करना है, न कि इसे लोगों पर थोपना है।
आर.एल.ए. ने कहा अभी स्थिति स्पष्ट नहीं
वहीं, दूसरी ओर रजिस्ट्रिंग एंड लाइसैंसिंग अथॉरिटी (आर.एल.ए.) ने भी आने वाले कुछ दिनों में इस कांसैप्ट को अडॉप्ट करने का निर्णय लिया है। हालांकि हालांकि यह तय नहीं हो पा रहा है कि इसे किस तरह से शुरू किया जाए। आर.एल.ए. करनैल सिंह ने बताया कि अभी तक पूरी तरह से यह कांसैप्ट क्लीयर नहीं हो पाया है कि कैश पेमैंट को पूरी तरह से लेने से इंकार करना है या फिर ऑप्शन भी दिया जा सकता है। यही वजह है कि यह कांसैप्ट शुरू होने में अभी समय लगेगा।
स्कूलों में डिजिटल मोड से होगी पेमैंट
चंडीगढ़ को देश का पहली कैशलैस सिटी बनाने के लिए अब स्कूलों को भी इस दायरे में लाया जाएगा। इस बारे में चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने कैशलेस सिस्टम को लेकर अफसरों के साथ मीटिंग की। प्रशासक ने सभी अफसरों को कहा है कि काम ज्यादा है लेकिन जल्दी करना है। इसके अलावा चंडीगढ़ में अलग-अलग डिपार्टमैंट्स में किस तरह से कैश लैस सिस्टम शुरू किया जा सकता है।
इसको लेकर प्रैजैंटेशन डिपार्टमैंट्स की तरफ से प्रशासक को दिखाई गई। चंडीगढ़ के सभी स्कूलों में डिजिटल मोड में ही फीस की पेमैंट होगी। इसके लिए स्कूलों से एक या दो टीचर्स या संबंधित स्टाफ को ट्रेनिंग प्रशासन की तरफ से दी जाएगी। इसके लिए स्कूलों को कहा गया है कि वे एक या दो टीचर्स और सीनियर स्टूडैंट्स के नाम डी.ई.ओ. के पास भेजे, जिनकी लिस्ट डी.सी. को भेजी जाएगी और इनको बैंकों के जरिए कैश लैस सिस्टम को लेकर ट्रेनिंग की जाएगी।
चंडीगढ़ बना शत-प्रतिशत आधार एनरोलमैंट वाला पहला पहला यू.टी.
चंडीगढ़ देश का ऐसा पहला केंद्र शासित प्रदेश (यू.टी.) बन गया है कि जिसने शत-प्रतिशत आधार कार्ड बनाने का काम पूरा किया है। वर्ष 2015 तक की चंडीगढ़ की एस्टीमेटेड पॉपुलेशन 1115584 है जबकि अभी तक चंडीगढ़ में कुल 1115817 लोगों ने आधार कार्ड बनवा लिया है। वहीं अगर 2011 की जनगणना की बात करें तो उसके मुताबिक चंडीगढ़ की जनसंख्या 1054686 है।
दिल्ली, तेलंगाना, हरियाणा और पंजाब भी 100 परसैंट आधार कार्ड बनवाने वालों की लिस्ट में शामिल है। चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने एडवाइजर टू एडमिनिस्ट्रेटर परिमल राय और बाकी यू.आई.डी.ए.आई. टीम के प्रयासों की तारीफ की है। अब चंडीगढ़ के स्कूलों में परमानैंट बेस पर इनरोलमैंट किट्स लगाई जाएंगी ताकि बायोमीट्रिक अपडेशन का काम यहीं पर पूरा हो जाए। पांच साल और फिर 15 साल के बाद बच्चे का बायोमीट्रिक अपडेट जरूर होगा।
इन तरीकों से होगी पेमैंट
यू.पी.आई.
बैंक ए.टी.एम. से अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर करें
यू.पी.आई. एप्लीकेशन को अपने मोबाइल में डाऊनलोड करें
अपना यूनीक आई.डी. बनाएं
अपना यू.पी.आई. पिन सेट करें
इसके बाद आप ट्रांजैक्शन शुरू कर सकते हैं
यू.एस.एस.डी.
अपने मोबाइल नंबर को बैंक अकाऊंट से रजिस्टर करें
अपने फोन से *99प्त डायल करें
अपने बैंक के पहले तीन लैटर्स को भरें या आई.एफ.एस.सी. के पहले चार लैटर्स
फंड ट्रांसफर-एम.एम.आई.डी. ऑप्शन को चुने
पेमैंट किसे करनी है, उसका मोबाइल नंबर और एम.एम.आई.डी. भरें
अमाऊंट और अपना एम.पी.आई.एन. एंटर करें
स्पेस छोड़ें और अपने अकाऊंट के अंतिम चार डिजिट टाइप करें
ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी
ई-वॉलेट
एस.बी.आई. बडी जैसा या कोई अन्य वॉलेट डाऊनलोड करें
अपने मोबाइल नंबर से रजिस्टर करें
इसे अपने डैबिट/क्रैडिट कार्ड या नेट बैंकिंग से लिंक करें
इसके बाद ट्रांजैक्शन प्रक्रिया को शुरू किया जा सकता है।
कार्ड
अधिकांश पेमैंट्स को अपने प्रीपेड, डेैबिट या क्रैडिट कार्ड से ही करें
कार्ड को मशीन पर स्वाइप करें
अपना पिन नंबर डालें और रसीद जरूर लें
आधार इनेबल्ड पेमैंट सिस्टम
अपने आधार कार्ड को बैंक अकाऊंट से लिंक करें
इसके बाद फंड ट्रांसफर, बैलेंस इंक्वायरी, केश डिपोजिट, विड्रावल और इंटर बैंक ट्रांजैक्शन की सुविधाएं ली जा
सकती हैं।