Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Sep, 2019 01:16 PM
मजलगांव की 38 वर्षीय महिला के 20वीं बार गर्भवती होने पर प्रशासन चिंता में है। दरअसल महिला की जान को खतरा होने के कारण प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्त्ता अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं। हालांकि 38 वर्षीय लंकाबाई खराट की पिछली डिलीवरी अस्पताल
बीड (महाराष्ट्र): मजलगांव की 38 वर्षीय महिला के 20वीं बार गर्भवती होने पर प्रशासन चिंता में है। दरअसल महिला की जान को खतरा होने के कारण प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्त्ता अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं। हालांकि 38 वर्षीय लंकाबाई खराट की पिछली डिलीवरी अस्पताल में नहीं हुई थी लेकिन इस बार उसके प्रसव को लेकर कई आशंकाएं हैं। दरअसल महिला का वजन सिर्फ 45 किलो है। लंकाबाई को सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने अस्पताल में डिलीवरी कराने के लिए मनाया है। मजलगांव के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अनिल परदेसी ने बताया है कि इस बार लंकाबाई की जान को खतरा है इसलिए उसे अस्पताल ले जाने के लिए मनाने की कोशिशें की गईं ताकि समय-समय पर उसका चेक अप हो सके, दवाएं मिल सकें और सभी टेस्ट किए जा सकें ताकि डिलिवरी आराम से हो। अनिल परदेसी ने बताया कि लंकाबाई पर पोस्ट-पार्टम हैमरेज का खतरा मंडरा रहा है।
इसलिए नहीं जा रही थी अस्पताल
मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि लंकाबाई कूड़ा बीनकर 100 से 300 रुपए कमाती है जिससे घर चलता है। लंकाबाई को चिंता थी कि अग अस्पताल में उसका इलाज हुआ तो घर का खर्च कैसे चलेगा और उसके बच्चे क्या खाएंगे। लंकाबाई का बड़ा बेटा 21 साल का है और खुद उसके तीन बच्चे हैं। लंकाबाई के परिवार के हालात देखते हुए प्रशासन ने उनको 5 किलो अनाज, तेल और नमक आदि के लिए राशन कार्ड जारी किया है।
11 बच्चे हैं लंकाबाई के
लंकाबाई के अभी 11 बच्चे हैं। 19 प्रसव में उसके 16 सफल रहे लेकिन उनमें से कइयों की बाद में मौत हो गई। लंकाबाई के प्रसव के कुछ घंटे या कुछ दिनों के अंदर ही कई बच्चे मर गए। पिछले साल 19वीं डिलीवरी उसके पति ने घर पर खुद ही कराई थी लेकिन बच्चा कुपोषित था और 5 महीने से ज्यादा नहीं जी सका। ऐसे में महिला की जान को रिस्क देखते हुए प्रशासन चाहता है कि महिला को हर सुविधा दी जाए।