Edited By ,Updated: 11 Apr, 2016 02:18 PM
बार-बार अफगानिस्तान के हिंदुकुश से भूकंप का आना हिमालय के लिए महाविनाशकारी साबित हो सकता है। दरअसल, रुड़की आईआईटी वैज्ञानिकों के मुताबिक, अफगानिस्तान के हिंदुकुश में आए भूकंप की तीव्रता के बराबर का भूकंप हिमालयी क्षेत्र में
नई दिल्ली: बार-बार अफगानिस्तान के हिंदुकुश से भूकंप का आना हिमालय के लिए महाविनाशकारी साबित हो सकता है। दरअसल, रुड़की आईआईटी वैज्ञानिकों के मुताबिक, अफगानिस्तान के हिंदुकुश में आए भूकंप की तीव्रता के बराबर का भूकंप हिमालयी क्षेत्र में आता है तो यह महाविनाशकारी होगा। क्योंकि हिंदुकुश में आने वाले भूकंप की गहराई 150 से 200 किलोमीटर के बीच होती है।
जबकि हिमालयी क्षेत्र में आने वाले भूकंप की गहराई केवल 20 से 25 किलोमीटर तक होती है। भूकंप की जमीन से कम गहराई बेहद खतरनाक होती है। बता दें कि रविवार को अफगानिस्तान के हिंदुकुश की पहाडिय़ों में आए भूकंप की रिएक्टर पैमाने पर तीव्रता 6.8 थी।
भूकंप का यह केंद्र पृथ्वी की सतह से करीब 200 किलोमीटर नीचे था। इस संबंध में आईआईटी के भूकंप अभियांत्रिकी विभाग के वैज्ञानिक प्रो. एमएल शर्मा ने बताया कि हिंदुकुश में आमतौर पर 150 से 200 किलोमीटर की गहराई में ही भूकंप आते हैं।
इसकी वजह इंडो-यूरेशियन प्लेट की हलचल का अधिक गहराई में होना है। इसलिए इस क्षेत्र के भूकंप से नुकसान की आशंका बेहद कम होती है। जबकि इतनी तीव्रता का भूकंप यदि हिमालयी क्षेत्र में (जम्मू से अरुणाचल के बीच) कहीं आता है तो महाविनाशकारी साबित होगा। क्योंकि यहां आने वाले भूकंप की गहराई 20 से 25 किलोमीटर तक होती है।