Edited By Seema Sharma,Updated: 19 Nov, 2018 08:51 PM
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले राजनीतिक दल विपक्ष को मजबूत करने में जुटे हैं ताकि मोदी सरकार को सत्ता से बाहर किया जा सके। इसी के चलते आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गैर-भाजपा दलों की 22 नवंबर को एक बैठक बुलाई थी
कोलकाताः लोकसभा चुनाव 2019 से पहले राजनीतिक दल विपक्ष को मजबूत करने में जुटे हैं ताकि मोदी सरकार को सत्ता से बाहर किया जा सके। इसी के चलते आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गैर-भाजपा दलों की 22 नवंबर को एक बैठक बुलाई थी जिसमें भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को रोकने की रणनीति पर चर्चा होने की संभावना थी लेकिन टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मीटिंग टल गई है।
कुछ दिन पहले चंद्रबाबू नायडू ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। माना जा रहा है दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के दौरान राजनीतिक बिंदुओं के साथ ही विपक्ष के महागठबंधन में खींचतान की बात सामने आई है। माना जा रहा है कि ममता से मुलाकात के बाद ही नायडू ने गुरुवार को होने वाली बैठक को टालने का फैसला लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब यह बैठक 19 जनवरी, 2019 को होगी।
विपक्ष का लक्ष्य 'लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ'
नायडू की बैठक में शामिल होने वाले गैर-भाजपा दल टीएमसी, टीडीपी, एनसी, डीएमके, जेडी (एस), सीपीआई, सीपीएम, आप, एसपी, आरजेडी और आरएलडी थे। यह सभी दल 'लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ' का लक्ष्य लेकर एक साथ मैदान में उतरने को तैयार थे। इन सभी दलों का मानना है कि भाजपा उनकी एकमात्र मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टी है और दुश्मन भी। जब सभी दल एक साथ आने को तैयार थे तो ऐसे समय में बैठक का टलना विपक्षी दलों के मनोबल पर गहरा असर डाल सकता है।
वैसे भी यह बैठक ऐसे समय में हो रही थी जब राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। बैठक टालने का कारण अभी सामने नहीं आया है। उल्लेखनीय है कि नायडू महागठबंधन की मुहिम को आगं बढ़ा रहे हैं और इसके चलते उन्होंने कांग्रेस समेत कई दलों के दिग्गज नेताओं से मुलाकात की है।