Edited By Yaspal,Updated: 11 Jan, 2020 07:53 PM
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ मजबूती से खड़े होने का आह्वान करते हुए शनिवार को कहा कि इनके विरोध प्रदर्शनों से जुड़ी घटनाओं की जांच करने तथा प्रभावितों को न्याय दिलाने के...
नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ मजबूती से खड़े होने का आह्वान करते हुए शनिवार को कहा कि इनके विरोध प्रदर्शनों से जुड़ी घटनाओं की जांच करने तथा प्रभावितों को न्याय दिलाने के लिए एक व्यापक उच्चाधिकार आयोग का गठन किया जाना चाहिए।
गांधी ने यहां पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस कार्यकारिणी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी का उत्तरप्रदेश सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल पर कोई भरोसा नहीं है। इसलिए पार्टी यह मांग करती है कि सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शनों से जुड़ी घटनाओं की जांच करने तथा प्रभावितों को न्याय दिलाने के लिए एक व्यापक उच्चाधिकार आयोग का गठन किया जाना चाहिए।
बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, के सी वेणुगोपाल, ए के एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, हरीश रावत, पी. चिदंबरम, अम्बिका सोनी, मोतीलाल वोरा, पी एल पूनिया, आनंद शर्मा, तरुण गोगोई और अहमद पटेल तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया।
उन्होंने सीएए के पारित होने की प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पार्टी के लिए बड़ा मुद्दा होना चाहिए। सीएए विभाजनकारी एवं भेदभाव करने वाला कानून है। यह प्रत्येक देशभक्त, सहिष्णु और धर्मनिरपेक्ष भारतीय के लिए दुखद है। इसने भारतीयों को धर्म के आधार पर बांट दिया है। समाज के प्रत्येक तबके और छात्रों को इसके परिणाम समझ में आ रहे हैं। इसके खिलाफ वे सर्दी में सड़कों पर उतरे हैं और पुलिस की ज्यादती भी सह रहे हैं। उनके प्रदर्शनों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह परेशान है तथा प्रतिदिन उकसावे वाली बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह साल संघर्ष, तानाशाही, आर्थिक संकट, अपराध और कड़वे रिश्तों के साथ शुरू हुआ है।