Edited By Yaspal,Updated: 31 Oct, 2019 07:01 PM
अयोध्या में छोटी दिवाली के दिन एतिहासिक दीपोत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान सरयू घाट पर करीब साढ़े पांच लाख दीप जलाए गए। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इसका नाम दर्ज हो गया। लेकिन इसके अगले दिन ही इसके उलट नजारा देखने को मिला
नेशनल डेस्कः अयोध्या में छोटी दिवाली के दिन एतिहासिक दीपोत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान सरयू घाट पर करीब साढ़े पांच लाख दीप जलाए गए। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इसका नाम दर्ज हो गया। लेकिन इसके अगले दिन ही इसके उलट नजारा देखने को मिला। दरअसल, बुझे हुए दीयों का तेल सीढ़ियों पर तेल फैला था। एक बच्ची सीढ़ियों पर बैठक हाथ में बोतल लिए उन दीयों से तेल अपनी बोतल में तेल भर रही है। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है।
दीयों से तेल इकट्ठा करती इस बालिका की तस्वीर अयोध्याजी के घाट से ली गई है, जहां दीपावली की रात साढ़े पांच लाख दिए जलाए गए थे। तस्वीर में दिख रही बालिका कोई भी हो सकती है। इसका नाम कुछ भी हो सकता है। इस बच्ची की तस्वीर को देखकर यह कहा जा सकता है कि जिस राजा के राज में इतनी गरीबी हो कि नन्ही बालिकाओं को बुझ चुके दीयों से तेल इकट्ठा करना पड़े, उस राजा को आडम्बरों में पैसा खर्च करने का अधिकार नहीं है।
इस तस्वीर को देखने के बाद मन में एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि जिस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीप जला कर अयोध्या में खुशियों की दीवाली मना रहे थे उस दौरान भूखे पेट रहने वालों की नजर उन दीयों पर रही होगी। वह सोच रहे होंगे कि दीये कितनी जल्दी बुझ जाएं जिस से दीयों का तेल उन के लिए बचा रहे। उन की असल खुशी दीयों के जलने से नहीं दीयों के बुझने से थी। उन की भूख जलने वाले दीयों से नहीं बुझे दीयों से बुझी जिन से उन को सब्जी बनाने के लिए तेल मिल सका।