Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Feb, 2018 09:33 PM
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि हज यात्रा में सब्सिडी समाप्त होने के बावजूद इस बार हज यात्रियों को विमान किराया काफी कम देना पड़ेगा। इस तरह उन्हें सियासी और आर्थिक शोषण’से मुक्ति मिल ...
नेशनल डेस्क: केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि हज यात्रा में सब्सिडी समाप्त होने के बावजूद इस बार हज यात्रियों को विमान किराया काफी कम देना पड़ेगा। इस तरह उन्हें सियासी और आर्थिक शोषण’से मुक्ति मिल गई है।
2018 में एक लाख 70 हजार 25 यात्री जाएंगे हज पर
नकवी ने बताया कि हज -2018 में रिकार्ड एक लाख 70 हजार 25 यात्री हज करने जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस बार हज यात्रा के लिए विमानन कंपनियों से पूरी तरह ऑन लाइन निविदा आमंत्रित की गई जिसमें इंडियन एअरलाइन्स के अलावा सऊदी एअरलाइन और फ्लाईनास ने सबसे कम कीमत लगाई। उन्होंने बताया कि इंडियन एअरलाइन्स और सऊदी एअरलाइन सात-सात स्थानों से तथा फ्लाईनास विमानन कंपनियों के विमान छह स्थानों से उड़ानें भरेंगे।
नकवी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में 2013-14 और 2018 के हज हवाई किराए का तुलनात्मक ब्यौरा देते हुए बताया कि पारदर्शी व्यवस्था और विमानन कंपनियों को नाजायज किराया बढ़ाने से रोकने के सख्त निर्देश की बदौलत हज सब्सिडी समाप्त होने के बावजूद इस बार हज यात्रा के लिए जेद्दा और मदीना जाने का हवाई किराया काफी कम हुआ है। उन्होंने कहा,‘हज सब्स्डिी के नाम पर दशकों से चल रही लूट और सियासी शोषण का खात्मा हुआ है। ‘नकवी ने बताया कि हज हवाई यात्रा के लिए वैश्विक निविदा निकालने की मांग थी। इसके लिए सऊदी अरब की सरकार को पत्र लिखा गया था लेकिन वहां की सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई।
केेंद्र सरकार नहीं देती किसी भी धार्मिक यात्रा के लिए सब्सिडी
उन्होंने बताया कि इंडियन एअरलाइन्स चेन्नई,गोवा,नागपुर,श्रीनगर,वाराणसी ,कोलकाता और मुंबई से ,सऊदी एयरलाइन अहमदाबाद,बेंगलूर,कोच्चि,दिल्ली ,हैदराबाद ,जयपुर ,लखनऊ तथा फ्लाईनास औरंगाबाद,भोपाल,गया,गुवाहाटी,मेंगलूर और रांची से उड़ानें भरेंगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी धार्मिक यात्रा के लिए सब्सिडी नहीं देती है। जहां तक हज सब्सिडी का सवाल है तो समुदाय के 90 प्रतिशत लोगों ने इसे समाप्त करने का समर्थन किया था। चंद लोग राजनीतिक कारणों से इसके खिलाफ शोर मचा रहे थे।
जनवरी में समाप्त हो चुकी है हज सब्सिडी
उल्लेखनीय है कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद जनवरी में हज सब्सिडी समाप्त कर दी थी। उन्होंने बताया कि इस बार पहली दफा मुस्लिम महिलाएं बिना मेहरम यानी पुरुष रिश्तेदार के हज पर जाएंगी। इसके लिए 1300 महिलाओं ने आवेदन दिया है। इन्हें लाटरी प्रणाली से बाहर रखकर हज पर भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
सऊदी अरब के हवाई किराए का तुलनात्मक ब्यौरा देते हुए नकवी ने बताया कि वर्ष 2013-14 में अहमदाबाद से किराया 98750 रुपए था जो 2018 में कम होकर 65015 रुपए हो गया। इसी तरह श्रीनगर से एक लाख 98 हजार 350 रुपए से एक लाख एक हजार 400 रुपए और वाराणसी से एक लाख 12 हजार 300 रुपए से 92004 रुपए और हैदराबाद से एक लाख एक हजार 600 रुपए से 65766 रुपए हो गया है।