दिनेश त्रिवेदी बोले- मोदी-शाह मेरे अच्छे मित्र, अगर मैं भाजपा में जाना चाहूं तो कोई नहीं रोक सकता

Edited By Yaspal,Updated: 12 Feb, 2021 10:32 PM

after the resignation dinesh trivedi said modi shah my good friend

तृणमूल कांग्रेस नेता और पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने शुक्रवार को बेहद नाटकीय ढंग से राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उपराष्ट्रपति एम. वेकैंया ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। त्रिवेदी के इस्तीफे के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह...

नेशनल डेस्कः तृणमूल कांग्रेस नेता और पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने शुक्रवार को बेहद नाटकीय ढंग से राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उपराष्ट्रपति एम. वेकैंया ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। त्रिवेदी के इस्तीफे के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह भारतीय जनता पार्टी ज्वॉइन कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो अगले कुछ दिनों में दिनेश त्रिवेदी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। लेकिन इस बीच दिनेश त्रिवेदी ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं और मैं भाजपा में जाना चाहूं तो मुझे कोई नहीं रोक सकता।

त्रिवेदी ने राज्यसभा में इस्तीफा देते समय कहा कि हर मनुष्य के जीवन में एक ऐसी घड़ी आती है जब उसे अंतरात्मा की आवाज सुनाई देती है। मेरे जीवन में भी यह घड़ी आ गयी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां बैठकर सोच रहा था कि हम राजनीति में क्यों आते हैं? देश के लिए आते हैं..देश सर्वोपरि होता है।'' त्रिवेदी ने कहा कि जब वह रेल मंत्री थे तब भी उनके जीवन में ऐसी घड़ी आयी थी जिसमें यह तय करना पड़ा था कि ‘‘देश बड़ा है, पक्ष बड़ा है या खुद मैं बड़ा हूं।'' 

टीएमसी नेता ने कहा कि जिस प्रकार से हिंसा हो रही है, हमारे प्रांत में...मुझे यहां बैठे-बैठे लग रहा है कि मैं करूं क्या? हम उस देश (राज्य) से आते हैं जहां से रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, खुदीराम आते हैं।'' उन्होंने उच्च सदन में इसी सप्ताह नेता प्रतिपक्ष के विदाई भाषण के दौरान आजाद और उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भावुक हो जाने के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘असल में हम जन्मभूमि के लिए ही हैं और कुछ नहीं। मुझसे देखा नहीं जा रहा कि मैं करूं तो क्या करूं।  त्रिवेदी ने कहा, ‘‘मगर अब मुझे घुटन हो रही है। उधर अत्याचार हो रहे हैं... मुझे मेरी अंतरात्मा की आवाज यह कह रही है कि यदि आप यहां बैठकर चुपचाप रहो... इसके बजाय यहां से त्यागपत्र देकर बंगाल चले जाओ और लोगों के साथ काम करो।''

टीएमसी बोली- हमारे लिए कोई झटका नहीं
त्रिवेदी के इस्तीफे पर टीएमसी ने कहा कि उनका फैसला चौंकाने वाला है, लेकिन यह उसके लिए कोई झटका नहीं है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व एवं जनता के भरोसे के साथ विश्वासघात किया है। सहयोगी एवं लोकसभा सदस्य सौगत रॉय ने कहा, ‘‘ त्रिवेदी जैसे लोग अपने कार्यकाल में सत्ता का सुख लेते हैं एवं चुनाव के समय छोड़ कर चले जाते हैं। अगर उनको कोई शिकायत थी तो वह पार्टी में उठा सकते थे।''

भाजपा ने किया स्वागत
वहीं, भाजपा ने कहा, ‘‘ तृणमूल कांग्रेस के अंत की शुरुआत पहले ही हो चुकी है।' पश्चिम बंगाल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि त्रिवेदी जल्द ही तृणमूल कांग्रेस से भी अलग हो जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ उनका तृणमूल से अलग होना महज समय का मामला है। अगर दिनेश त्रिवेदी हमसे जुड़ना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।'' भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने त्रिवेदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अच्छे नेता हैं जो तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टी में घुटन महसूस कर रहे थे। 

गौरतलब है कि तृकां के वरिष्ठ नेताओं - सुभेंदु अधिकारी और राजीब बनर्जी - भाजपा में शामिल हो चुके हैं जबकि लक्ष्मी शुक्ला ने राजनीति छोड़ने की इच्छा जताते हुए पार्टी से किनारा कर लिया था। गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब त्रिवेदी ने सार्वजनिक रूप से पार्टी को लेकर अपनी शिकायत व्यक्त की थी। इससे पहले मार्च 2012 में पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने उनके द्वारा पेश रेल बजट का विरोध किया था जिसके बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।       

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