पढ़ाई के साथ करता रहा कत्ल, पुलिस की गिरफ्त में आने में लगे 30 साल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Aug, 2017 08:11 PM

after thirty years arrest murderers

जितना वो होशियार पढ़ने में था। उतना ही शातिर गुनाह करने में भी था।

जयपुरः जितना वो होशियार पढ़ने में था। उतना ही शातिर गुनाह करने में भी था। उसकी तमन्ना तो सिविल की तैयारी करके आईएस बनने की थी। लेकिन वो गुनाह के दलदल में इतना धस चुका था कि उससे कभी बाहर ही नहीं आ सका। दोस्त की हत्या से शुरू हुई उसके गुनाह की दास्तां सास के मर्डर तक जा पहुंची थी। इस बीच उसने अपनी पढ़ाई की ललक नहीं छोड़ी। दो बार 12 वीं की पास की और लॉ ग्रेजुएट भी हो गया। बावजूद इसके उसके गुनाहों का सिलसिला भी बदस्तूर जारी रहा। इसलिए पुलिस को उसे पकड़ने में 30 साल लग गए। 
 

जयपुर पुलिस ने 1990 से बूंदी जिले से फरार चल रहे एक अपराधी को पकड़ने में सफलता मिली है। यह अपराधी किसी समय आईएएस की तैयारी कर रहा था। इसी दौरान उसने तीन मर्डर किए और लम्बे समय से फरार चल रहा था। इसी बीच वह हथियार तस्करी भी करने लगा और पुलिस ने इसे अवैध हथियार के मामले में ही पकडा था। थाने लाने पर पूछताछ की गई और रिकार्ड खंगाला तो यह फरार अपराधी निकला।
 

पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति हथियार बेचने की फिराक में घूम रहा है। मौके पर पहुंचकर जब पुलिस ने कार में बैठे एक व्यक्ति से पूछताछ की तो वह पुलिस पर पिस्तौल तानकर भागने लगा। पुलिस ने किसी तरह उस पर काबू पाया। पूछताछ में उसने अपना नाम अर्जुन सिंह बताया। पुलिस के द्वारा की गई तलाशी में आरोपी के पास से एक रिवॉल्वर और कारतूस तथा अर्जुन सिंह नाम का आधार कार्ड और पैन कार्ड भी मिला।


साथ पढ़ने वाले का किया पहला मर्डर
पुलिस की पूछताछ के दौरान यह अपराधी फर्राटेदार उर्दू बोल रहा था। इस पर पुलिस को कुछ शक हुआ। पुलिस ने कडाई से पूछताछ की तो उसने अपना नाम मोहम्मद रफीक बताया। पुलिस ने रिकार्ड जांचा तो पता चला कि यह हत्या के आरोप में बू्दी जिले से फरार चल रहा था।

रफीक ने बताया कि वो बूंदी का रहने वाला है और उसने अर्जुन सिंह नाम से आधार कार्ड और पैन कार्ड तीन महीने पहले ही बनावाए है। बूंदी में 1990 में उस पर साथ पढ़ने वाले अमित के मर्डर का केस दर्ज हो गया था, जिसमें वो जमानत पर था। इसके अलावा भी उस पर 5 अलग-अलग मामलों में केस दर्ज थे। 


लड़की को लेकर भाग गया...
इसी दौरान अपने साथ पढ़ने वाली लड़की से उसे प्यार हो गया था, जिसे वह लेकर फरार हो गया था।उसने बताया कि जब वो लड़की के साथ कोर्ट पहुंचा, जहां लड़की ने उसके ही खिलाफ बयान दे दिया। जिसके बाद वो बूंदी से फरार हो गया। फरार होने के बाद वो एलएलएम की पढ़ाई करता था, साथ ही आईएएस की तैयारी भी करता था लेकिन मुकदमों के कारण वह आईएएस नहीं बन पाया।

आगरा में दोबारा शुरू की पढ़ाई 
बूंदी से भागकर रफीक आगरा आ गया जहां उसने अमन अली के नाम से नई आईडी बना ली। आगरा से ही रफीक ने दोबारा अमन अली नाम से ओपन से 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की जिसके आधार पर उसने स्नातक और एलएलबी कर ली। इसी दौरान वह शादी करके मार्बल के व्यापार में लग गया। इस दौरान मार्बल व्यवसाय के पार्टनर के साथ उसका विवाद हो गया। पार्टनर को उसने 5 लाख की सुपारी देकर मरवा दिया और आगरा से सबकुछ बेचकर वो जयपुर आ गया।


पत्नी की बहन को लेकर पहुंचा लखनऊ
जयपुर आकर वह जिस मकान में रहने लगा उसी के मालिक की लड़की से उसने शादी कर ली। जिससे शादी की उसको छोड़ उसका दिल पत्नी की छोटी बहन पर आ गया। जिसके बाद वह उसे लेकर लखनऊ चला गया और अपना नाम रफीक रख लिया। बीते साल दिसंबर मे उसका अपनी सास से विवाद हो गया जिसके चलते उसने गला रेत कर अपनी सास की हत्या कर दी।


सास की भी कर दी हत्या...
सास की हत्या करने से उसकी पत्नी नाराज हो गयी और उसने लखनऊ में मुकदमा दर्ज करवा दिया। जिसके बाद रफीक अपनी तीसरी पत्नी को भी ठिकाने लगाने के लिए हथियार सप्लाई कर रहा था। हथियार सप्लाई से आने वाले पैसे से वो पत्नी को सुपारी देकर मरवाना चाह रहा था लेकिन उसके पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके फिर से केस चलावाया जाएगा।
 

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