Edited By Yaspal,Updated: 05 Mar, 2019 07:11 PM
संसद हमले के दोषी जम्मू-कश्मीर निवासी अफजल गुरू के बेटे गालिब गुरु को अपनी पहचान साबित करने के लिए आधार कार्ड प्राप्त हो चुका है। इसके बाद उन्होंने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें...
नेशनल डेस्कः संसद हमले के दोषी जम्मू-कश्मीर निवासी अफजल गुरू के बेटे गालिब गुरु को अपनी पहचान साबित करने के लिए आधार कार्ड प्राप्त हो चुका है। इसके बाद उन्होंने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें पासपोर्ट मिल जाता है तो बहुत खुशी होगी। इसके साथ ही गालिब ने कहा कि मुझे भारतीय होने पर गर्व है और पासपोर्ट मिलने पर और गर्व होगा। गालिब फिलहाल गुलशनाबाद की पहाड़ियों पर अपने नाना गुलाम मुहम्मद और मां तबुस्सुम के साथ रहते हैं।
मां ने आतंकवादी बनने से बचाया
गालिब ने बताया कि पिता को फांसी दिए जानेके बाद उन्हें बदला लेने के लिए काफी उकसाया गया। लेकिन उनकी मां ने उन्हें आतंकवादी बनने से बचा लिया। अफजल गुरु के बेटे गालिब गुरु ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की है। गालिब ने कहा कि वह डॉक्टर बनना चाहते हैं और वह पांच मई 2019 को होने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि वह इस परीक्षा में चयनित हो जाएंगे। अगर उन्हें भारत में मेडिकल प्रवेश नहीं मिला तो वह विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं।
विदेश जाकर करना चाहते हैं पिता का अधूरा सपना पूरा
गालिब ने बताया कि तुर्की के एक कॉलेज से उन्हें स्कॉलरशिप भी मिल सकती है। विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई करने और विदेशी विश्वविद्यालय से छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए उन्हें भारतीय पासपोर्ट की जरूरत है। गालिब बताते हैं कि उनके पिता अफजल गुरु को फांसी होने के बाद घाटी में सक्रिय आतंकी संगठनों ने उन्हें पिता की मौत का बदला लेने के लिए बहुत उकसाया था। उनका माइंड वॉश करने का कई बार प्रयास किया गया। इन संगठनों का मकसद गालिब को आतंकी बनाकर भारत के खिलाफ प्रयोग करने का था। गालिब ने बताया कि हमने पूर्व में हुई गलतियों से बहुत कुछ सीखा है। इसलिए वह आतंकियों के जाल से बच गए। इसका क्रेडिट वह अपनी मां को देते हैं। गालिब के अनुसार उनकी मां ने उन्हें आतंकवादी बनने से बचा लिया।
गालिब के अनुसार वह अपने पिता का अधूरा सपना पूरा करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिता भी डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन वह अपना मेडिकल करियर पूरा नहीं कर सके। लिहाजा अब वह अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर पिता के सपने को साकार करना चाहते हैं।
कब हुआ था संसद पर हमला
गौरतलब है कि भारतीय संसद पर 13 दिसंबर 2001 को हुए आतंकी हमले में संसद भवन के गार्ड और दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे। संसद पर हमले के लिए पांच आतंकी सफेद रंग की अंबेस्डर कार से अंदर घुसे थे। अंदर घुसने के बाद आतंकियों ने संसद भवन में ताबड़तोड़ फायरिंग कर और ग्रेनेड बरसाकर पूरे देश को हिला दिया था। आतंकवादी करीब 45 मिनट तक संसद में खूनी खेल खेलते रहे, जब तक की उन्हें मार गिराया नहीं गया।
अफजल गुरु इस हमले का मास्टर माइंड था। उसे बाद में गिरफ्तार कर केस चला, जिसमें उसे मौत की सजा सुनाई गई थी। जैश-ए-मुहम्मद ने उसी के नाम से अफजल गुरू सुसाइड स्क्वॉड बनाया हुआ है, जिसमें आत्मघाती हमलावरों को शामिल किया जाता है। बाताया जाता है कि इसी आत्मघाती स्क्वॉड द्वारा पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर भी हमला कराया गया था।