धनुष तोप के धमाकों से फिर गूंजेगा पोखरण का रेगिस्तान

Edited By Seema Sharma,Updated: 20 May, 2018 12:57 PM

again blast in pokhran

राजस्थान में जैसलमेर जिले का पोखरण अगले सप्ताह लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली भारत की पहली स्वदेशी होवित्जर धनुष तोपों के धमाकों से फिर गूंजेगा। सैन्य सूत्रों ने बताया कि पोखरण में इसका परीक्षण सेना के तकनीकी अधिकारियों और जीसीएफ विशेषज्ञों की...

बीकानेर: राजस्थान में जैसलमेर जिले का पोखरण अगले सप्ताह लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली भारत की पहली स्वदेशी होवित्जर धनुष तोपों के धमाकों से फिर गूंजेगा।  सैन्य सूत्रों ने बताया कि पोखरण में इसका परीक्षण सेना के तकनीकी अधिकारियों और जीसीएफ विशेषज्ञों की मौजूदगी में किया जाएगा। परीक्षण के दौरान इसकी लंबी दूरी तक गोला दागने के साथ ही उच्च तापमान और अन्य विषम परिस्थितियों में इसकी क्षमता का परीक्षण किया जाएगा। आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) और जबलपुर में स्थित गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) द्वारा विकसित की जा रही धनुष तोप का पिछले पांच वर्ष से परीक्षण किया जा रहा है।

शुरूआत में गोला बारुद संबंधी गंभीर गड़बड़ी के बाद इसका परीक्षण रोक दिया गया था। दो वर्ष पहले परीक्षण के दौरान एक गोला इसकी नली में फट गया था। गहन जांच के बाद इसमें सुधार करके उड़ीसा के बालासोर फायरिंग रेंज में इसका सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया गया है। धनुष तोप मूलत: बहुचर्चित स्वीडन की बोफोर्स तोप का ही उन्नत स्वदेशी संस्करण है। इसके 80 प्रतिशत पार्ट्स स्वदेशी हैं।

29 Km तक लगा सकती है निशाना
बोफोर्स तोप जहां 29 किलोमीटर की दूरी तक निशाना साध सकती है,वहीं यह 38 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य भेद सकती है। बोफोर्स तोप के हाइड्रोलिक प्रणाली के विपरीत यह इलैक्ट्रोनिक प्रणाली से संचालित की जाती है। अंधेरे में देखने वाले उपकरणों की मदद से यह रात में भी लक्ष्य भेद सकती है। सूत्रों ने बताया कि 45 कैलिबर की क्षमता की इस तोप में 155 एमएम के गोले का इस्तेमाल होता है, और यह एक मिनट में छह तक गोले दाग सकती है। सेना में 400 से अधिक धनुष तोपें शामिल किये जाने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि भारत में सन् 1980 के दशक में सेना में शामिल की गई स्वीडन की बोफोर्स तोप के विवाद के बाद सेना में अब तक नई तोप शामिल नहीं हो पाई है। बोफोर्स तोप के मूल समझौते के अनुसार स्वीडन से इसके देश में ही निर्माण के लिए तकनीक हस्तांतिरत होनी थी लेकिन इस तोप को लेकर उस समय आये राजनीतिक भूचाल के बाद यह समझौता ठंडे बस्ते में चला गया। केन्द्र में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस समझौते को पुन:लागू किया गया और स्वीडन से तकनीक लेकर इसे उन्नत बनाकर सेना में शामिल किए जाने का निर्णय किया गया। बोफोर्स तोप 39 कैलिबर क्षमता की थीं, जबकि धनुष की क्षमता बढ़ाकर 45 कैलिबर की गई है। हालांकि इसके परीक्षण के दौरान तीन बार इसमें खामियां आई, जिन्हें सुधार लिया गया है। अब पोखरण में उच्च तापमान में इसका महत्वपूर्ण परीक्षण किया जाएगा।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!