हंगामे और नारेबाजी के बीच राज्यसभा में कृषि बिल पास, विपक्ष ने फाड़ी रूल बुक

Edited By vasudha,Updated: 20 Sep, 2020 02:19 PM

agriculture bill introduced in rajya sabha

केंद्र सरकार ने लोकसभा से पारित तीन प्रमुख कृषि विधेयकों को आज राज्यसभा में पेश कर दिया है। ये विधेयक किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य दिलाने, कृषि उपज के बाधा मुक्त व्यापार को सक्षम बनाने के साथ ही किसानों को अपनी पसंद के निवेशकों के साथ...

नेशनल डेस्क: विपक्ष के हंगामे और प्रदर्शन के बीच किसान बिल राज्यसभा से पास हो गया है। राज्यसभा में कृषि सुधारों से संबंधित दो विधेयकों को पारित किये जाने की प्रक्रिया को लेकर विपक्ष दलों के सदस्यों ने जबरदस्त हंगामा किया था, जिसके कारण सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी थी। उप सभापति हरिवंश ने जब कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा करार विधेयक 2020 पर चर्चा के बाद इन्हें पारित कराने की प्रकिया शुरू की तो आप आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, द्रविड मुनेत्र कषगम और वामदलों के सदस्यों ने इसका विरोध कड़ा विरोध किया।

PunjabKesari

ब्रायन ने छीने कागज 
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने सदन में व्यवस्था का मामला उठाया जिसकी ओर उप सभापति ने ध्यान नहीं दिया। इससे उत्तेजित ब्रायन ने आसन के ठीक सामने आकर कुछ कागज उठाये और फाड़ दिये। उन्होंने मार्शल के हाथ से भी कागज छीन लिए और आसन का माइक क्षतिग्रस्त कर दिया। जिससे सदन में एक बजकर 14 मिनट पर सदन की ध्वनि प्रणाली (साउंड सिस्टम) खराब हो गयी और सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी। 

संजय सिंह ने लगाए नारे 
आप पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस सैलजा तथा तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन नारे लगाते हुए सदन के बीचों बीच आ गए और हंगामा करने लगे। इस पर उप सभापति ने सदस्यों वापस जाने की अपील की और कहा कि कोरोना का समय है तथा इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। लेकिन सदस्यों ने शोर शराबा रखा और हरिवंश ने इसी के बीच विधेयक पारित कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी। 

ये बिल किसानों के जीवन में लाएगा बदलाव: तोमर 
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक 2020 पेश करते हुए कहा कि दोनों विधेयक ऐतिहासिक है जिन्हें लोकसभा पारित कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाना चाहती है और उन्हें फसलों की बुआई के समय ही उसकी उचित कीमत का आश्वासन दिलाने का प्रयास कर रही है। 

PunjabKesari

यह एक काला कानून: आप 
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि इसके जरिए किसानों को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने का काम किया जा रहा है। यह एक काला कानून है जिसका मैं आम आदमी पार्टी की तरफ से विरोध करता हूं। उन्होंने कहा कि आपने FDI का जमकर विरोध किया था लेकिन आज आप किसानों को पूंजीपतियों के हाथ में गिरवी रखने जा रहे हैं, देश के किसानों की आत्मा को बेचने जा रहे हैं। 

PunjabKesari

क्या है इन विधेयकों में
कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020: प्रस्तावित कानून का उद्देश्य किसानों को अपने उत्पाद अधिसूचित कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) यानी तय मंडियों से बाहर बेचने की छूट देना है। इसका लक्ष्य किसानों को उनकी उपज के लिये प्रतिस्पर्धी वैकल्पिक व्यापार माध्यमों से लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराना है। इस कानून के तहत किसानों से उनकी उपज की बिक्री पर कोई उपकर या शुल्क नहीं लिया जायेगा।

PunjabKesari

किसान की आय में होगा बढ़ावा
मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) अनुबंध विधेयक 2020: इस प्रस्तावित कानून के तहत किसानों को उनके होने वाले कृषि उत्पादों को पहले से तय दाम पर बेचने के लिये कृषि व्यवसायी फर्मों, प्रोसेसर, थोक विक्रेताओं, निर्यातकों या बड़े खुदरा विक्रेताओं के साथ अनुबंध करने का अधिकार मिलेगा। लाभ: इससे किसान का अपनी फसल को लेकर जो जोखिम रहता है वह उसके उस खरीदार की तरफ जायेगा जिसके साथ उसने अनुबंध किया है। उन्हें आधुनिक तकनीक और बेहतर इनपुट तक पहुंच देने के अलावा, यह विपणन लागत को कम करके किसान की आय को बढ़ावा देता है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!