किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को बातचीत के लिए बुला है। मंत्री ने किसान यूनियन के नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया है। कृषि मंत्री विज्ञान भवन में कल दोपहर तीन बजे किसानों से बातचीत करेंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि बातचीत स
नेशनल डेस्कः किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को बातचीत के लिए बुला है। मंत्री ने किसान यूनियन के नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया है। कृषि मंत्री विज्ञान भवन में कल दोपहर तीन बजे किसानों से बातचीत करेंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि बातचीत से रास्ता निकाल सकते हैं। बता दें कि पंजाब के हजारों किसान कृषि कानून के विरोध में हरियाणा के सिंधु बॉर्डर पर पिछले पांच दिनों से जमे हुए हैं।
वहीं, सिंघु बॉर्डर पर जमे किसानों ने कहा है कि वे ‘‘निर्णायक'' लड़ाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी आए हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। प्रदर्शनकारी किसानों के एक प्रतिनिधि ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके ‘‘मन की बात'' सुनें। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी मांगों से समझौता नहीं कर सकते।'' किसानों के प्रतिनिधि ने दावा किया कि यदि सत्तारूढ़ पार्टी उनकी चिंता पर विचार नहीं करती तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम यहां निर्णायक लड़ाई के लिए आए हैं।''
एक अन्य किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आंदोलन को ‘‘दबाने'' के लिए अब तक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लगभग 31 मामले दर्ज किए गए हैं। चढूनी ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा। गौरतलब है कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसान संगठनों से बुराड़ी मैदान पहुंचने की अपील की थी और कहा था कि वहां पहुंचते ही केन्द्रीय मंत्रियों का एक उच्चस्तरीय दल उनसे बातचीत करेगा।
किसानों के 30 से अधिक संगठनों की रविवार को हुई बैठक में किसानों के बुराड़ी मैदान पहुंचने पर तीन दिसम्बर की तय तारीख से पहले वार्ता की केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पेशकश पर बातचीत की गयी, लेकिन हजारों प्रदर्शनकारियों ने इस प्रस्ताव को स्वीकारने से मना कर दिया और सर्दी में एक और रात सिंघू तथा टीकरी बार्डरों पर डटे रहने की बात कही। उनके प्रतिनिधियों ने कहा था कि उन्हें शाह की यह शर्त स्वीकार नहीं है कि वे प्रदर्शन स्थल बदल दें। उन्होंने दावा किया था कि बुराड़ी मैदान एक ‘खुली जेल' है।
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